शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इकाई मंत्री इंद्र सेन नेगी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमेशा से ही छात्र हितों की रक्षा के लिए आवाज बुलंद करती आई है। इसी के तहत आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों की मांगों को लेकर कुलपति को ज्ञापन दिया गया । इस ज्ञापन में विद्यार्थि परिषद ने प्रदेश विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्द लागू करने की मांग रखी।
विद्यार्थि परिषद का कहना है कि नई शिक्षा नीति स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है जिसमे बुनियादी तौर पर बदलाब किए गए हैं।
नई शिक्षा नीति को लागू करने पीछे मुख्य उद्देश्य *भारत में बच्चों को तकनीकी तथा रचनात्मकता के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता का महत्व से अवगत कराना है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके* ऐसी शिक्षा नीति को लागू करने में प्रशासन विलम्ब न करे तथा जल्द से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठयक्रम को आरंभ किया जाए।
साथ ही साथ विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन में प्रदेश विश्वविद्यालय में लम्बे समय से लंबित पड़ी गैर शिक्षक वर्ग की भर्ती को जल्द आयोजित करवाने की मांग रखी। जिससे विश्वविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति हो तथा प्रशासनिक कार्य समय से पूर्ण हो पाए।
इसी के साथ इंद्र ने कहा कि प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्रावासों में आए दिन लड़ाई झगडे के मामले सामने आते हैं अधिकतर मामलों में अवैध प्रवेश से आए हुए व्यक्ति संलिप्त पाए जाते हैं। ऐसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रावासों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए CCTV कैमरा लगवाए जाएं व छात्रावासों और विश्वविद्यालय परिसर में खराब पड़े CCTV कैमरों को शीघ्र ठीक करवाया जाए।
UG पुनर्मूल्यांकन में जो छात्र पास हुए हैं उन्हें अगले वर्ष की परीक्षा देने हेतु अतिरिक्त मौका दिया जाए जिससे प्रदेश भर के छात्र अपनी शिक्षा को सुचारू रूप से प्राप्त कर सकें।
इकाई मंत्री इंद्र सेन नेगी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा की इन सभी छात्र मांगों का समाधान जल्द से जल्द नहीं किया गया तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करने से गुर्हेज नहीं करेगा जिसका जिमेदार विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं होगा।