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विश्वविद्यालय एसएफआई इकाई ने छात्रों की समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- एस एफ आई ने को पीजी प्रथम सत्र परीक्षाओ में आ रही आ रही दिक्कतों को लेकर और जो पीजी प्रथम सत्र के अंदर NEP के तहत सीबीसीएस के माध्यम से जो परेशानियां छात्रों को आ रही है उसको जल्द से जल्द सुलझाने के लिए मांग की ।
इस पर बात रखते हुए एसएफआई कैंपस सचिवालय सदस्य साहिल ने बात रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय इस बार पीजी प्रथम सत्र में NEP के तहत CBCS को लागू कर रहा है जिसके चलते छात्रों को परेशानी देखने को मिल रही है के चलते छात्र परेशान है कि वह इस सिस्टम के अंदर किस तरह अपनी परीक्षाओं की तैयारियां करेगा
एसएफआई मांग कर रही है कि री वैल्यूएशन का के परिणाम को जल्द घोषित किया जाए परन्तु अभी तक रिजल्ट पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया है जिसके अंदर अभी भी काफी कमियां देखने को मिल रही है। इसके चलते छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कुछ महाविद्यालय के अंदर मिड टर्म आरंभ हो चुके है पर छात्रो को मालूम नहीं है की वह किस ईयर को वह परीक्षाएं दे।
इस धरने को संबोधित करते हुए कैंपस उपाअध्यक्ष हैप्पी ने कहा की पिछले लम्बे समय से प्रदेश सरकार NEP को लागू करने के प्रयत्न करने जा रहे जिसमे मातृभाषा में अध्यन करना और करवाना असंभव है हमने GDP का 6% खर्च करना लक्ष्य रखा लेकिन भारत सरकार अभी GDP का 2.5% ही खर्च करवा पा रही है जो NEP के तहत असंभव सा अनुमान लगाया जा रहा है आज शिक्षा पर जीडीपी खर्च करने में भूटान से भी पीछे है NEP में शिक्षा के समवर्ती सूची से हटा के केंद्रीयकरण करने की कोशिश की जा रही है इसके साथ ST SC JRF वा अन्य स्कॉलरशिप के बारे से कोई प्रावधान नहीं है और छात्र अगर इन पर मुद्दा लड़ना चाहे तो उनके लिए कोई SCA का प्रवधान नही है ऐसे में कैंपस डेमोक्रेसी के लिए आने वाले समय में खतरा है और बीजेपी सरकार ने अनपर्लियामेंरी तौर पर इसको पास किया है जिसके तहत NEP का पहला कदम सीबीसीएस है जिसमे 2013 से यूजी मै लाया गया और हिमाचल प्रदेश में 2015 में छात्रों को उसका खामयाजा देखने को मिला जब 98% छात्र फेल हो गए अब हिमाचल प्रदेश में पीजी में इसे लाना दुर्भाग्य का विषय है दूसरी तरफ इआरपी जैसा घटिया सिस्टम छात्रों के रिजल्ट तक निकलने में सक्षम नहीं है ईआरपी सिस्टम के चलते छात्र अपना फॉर्म भरता है तो काफी बार देखने को मिलता है की उनका डाटा गायब हो जाता है इस तरह और भी रिजल्ट में काफी गड़बडीया देखने को मिल रही है। आज यूजी पीजी का छात्र संकट में है 13 करोड़ खर्च करने के बावजूद भी सिस्टम में रद्दी भर सुधार नहीं ऐसे में सीबीएस छात्रों पर थोपना ठीक नही होगा इसका परिणाम है इसका परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेंगे ।
एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि NEP CBCS और ERP को खत्म कर और इसके लिए कोई और सिस्टम प्रदेश द्वारा लाया जाना चाहिए इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। अगर जल्द छात्र मांगों को सकारात्मक रूप से सुलझाया नहीं गया तो आने वाले समय के अंदर विश्वविद्यालय के अंदर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी और अथॉरिटी का उग्र घेराव किया जाएगा।

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