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एस एफ आई ने नई शिक्षा नीति के विरोध में प्रदेश सरकार के खिलाफ विश्वविधालय में पुतला दहन किया।

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-   एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने सरकार द्वारा केविनेट में लिए गए फैसले के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिसमे 10 से 15 Km के दायरे के स्कूल को बंद कर दिया जाए गा।

 

 

 

 

धरने में बात रखते हुए सचिवालय सदस्य योगी ने कहा कि 2020 में लाई गई शिक्षा नीति के जरिए केंद्र तथा प्रदेश सरकार शिक्षा का निजीकरण,भगवाकरण तथा व्यापारीकरण करने का प्रयास कर रही है। NEP की खामियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि NEP के जरिए CBCS को छात्रों पर थोपा जा रहा है । CBCS में ऐसे विषय छात्रों को पढ़ने पड़ रहे हैं जिसका औचित्य उनके भविष्य में रोजगार की दृष्टि से कुछ भी नही है।

 

 

 

इस धरने में आगे बात रखते हुए इकाई उपा-अध्यक्ष शहबाज ने बताया कि प्रदेश सरकार ने जो केबिनेट में 10 से 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी विद्यालयों को बंद करने का जो निर्णय लिया है एस एफ आई उसका विरोध करती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र है जहां पर चंबा किन्नौर लाहौल स्पीति जैसे अन्य गई दुर्गम इलाके है

 

 

जहां पर एक 6 साल का बच्चा 10 से 15 किलोमीटर का सफर तय नहीं कर सकता है इसके साथ-साथ भारत जैसे पुरुष प्रधान समाज में लड़कियों को बहुत कम संख्या में शिक्षा दी जाती है यदि उनके गांव के आस पास के विद्यालयों को बंद कर दिया जाएगा तो साधारण परिवारों की लड़कियां शिक्षा से वंचित रह जाएगी। आगे अपनी बात बढ़ाते हुए उन्होंने कहा की NEP के माध्यम से सरकार सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने जा रही है परंतु हिमाचल प्रदेश जैसा राज्य जहां पर कुछ जिले ऐसे है जहां पर 6 से भी ज्यादा महीनों तक बर्फ रहती है

 

वह छात्र किस प्रकार शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे ? अपनी बात खत्म करते हुए उन्होंने कहा कि यदि केंद्र एवम प्रदेश सरकार द्वारा NEP को जल्दी वापिस नहीं लिया गया तो SFI प्रदेश भर के छात्रों को लामबंद करके एक उग्र आंदोलन करेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार तथा प्रदेश सरकार की होगी।

 

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