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आधे अधूरे परीक्षा परिणाम घोषित कर झूठी वाहवाही बटोर‌ रहा विश्वविद्यालय प्रशासन- गौरव कुमार

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-   अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई के इकाई अध्यक्ष गौरव कुमार ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन ने जो पीजी के परीक्षा परिणाम घोषित किए हैं, वो आधे अधूरे है।

 

 

 

 

 

विश्वविद्यालय प्रशासन पीजी के आधे अधूरे परीक्षा परिणाम घोषित कर झूठी वाहवाही बटोर‌ रहा है। आधे अधूरे अधूरे परीक्षा परिणामों के चलते प्रदेश में PGT कमीशन की राह देख रहे हज़ारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है |

 

 

 

 

 

वि वि प्रशासन द्वारा जो परीक्षा परिणाम घोषित किये हैं वो पूरे नहीं हैं कई छात्रों के एक तो कई छात्रों के दो व कई छात्रों के पूरे के पूरे विषयों के परिणाम अभी पेंडिंग रखे गए हैं | परिणाम घोषित होने के बाद छात्र अपने परीक्षा परिणामों को सेटल करवाने रोज़ वि वि पहुँच रहे हैं परंतु वहाँ भी उन्हें निराशा हाथ लग रही है | अधिकतर ब्रांचों के पास अवार्ड ही नहीं हैं जिसकी वजह से छात्रों को एक से दो हफ्ते रुकने का समय दिया जा रहा है |

विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण अधर में लटका पीजीटी कमीशन की राह देख रहे प्रदेश के हजारों छात्रों का भविष्य – अभाविप

उन्होंने कहा कि पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा पीजीटी कमीशन के आवेदन को भरने की अंतिम तिथि 13 नवंबर तक निर्धारित की गई थी। लेकिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने इसके लिए मांग की थी कि पीजीटी कमीशन आवेदन‌ की तिथि को आगे बढ़ाया जाए।

विद्यार्थी परिषद के आंदोलन की जीत हुई है लोक सेवा आयोग ने पीजीटी कमीशन आवेदन‌ की तिथि 30/11/2023 तक बढ़ा दी।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई लंबे समय से मांग कर रही थी की पीजी परीक्षाओं के परिणाम जल्द घोषित किए जाएं । ताकि विद्यार्थी पीजीटी कमीशन के लिए आवेदन कर सके ‌। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले कल पीजी के अधिकतम परीक्षा परिणाम घोषित तो कर दिए परंतु आधे अधूरे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द परीक्षा परिणाम में व्याप्त खामियों को‌ ठीक‌ किया जाए।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की इस लापरवाही के कारण हिमाचल प्रदेश के हजारों छात्रों को इसका नुकसान भुगतना पड़ता है क्योंकि आधे अधूरे परीक्षा परिणाम आने के कारण बाहरी राज्य के‌ छात्र इसका लाभ उठा लेते हैं । अपने‌ ही प्रदेश के छात्र पीजीटी कमीशन देने से वंचित रह जाते हैं।

 

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