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हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- यशपाल साहित्य प्रतिष्ठान नादौन में आयोजित किया गया कार्यक्रम। कवियों, लेखकों व गायकों ने कविताओं, भाषणों, गज़ल व गीतों के माध्यम से किया यशपाल का गुणगान।
20वीं शताब्दी के प्रथम-दशक के प्रारम्भ में ही जिला हमीरपुर के नादौन-खण्ड के अन्तर्गत गांव रंघाड़ (भूम्पल) से संबद्ध रखने वाले सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी, स्वाधीनता-सैनानी व उत्कृष्ट-साहित्यकार यशपाल की 120 वीं जयंती के उपलक्ष्य पर जिला हमीरपुर के भाषा एवं संस्कृति विभाग ने यशपाल साहित्य प्रतिष्ठान नादौन में जयंती समारोह आयोजित किया।
इस समारोह की अध्यक्षता यशपाल साहित्य परिषद् के वर्तमान अध्यक्ष प्रो. रत्न चन्द शर्मा के द्वारा की गई। इस उपलक्ष्य पर मुख्य वक्ता रत्न चन्द रत्नाकर, विशिष्ट अतिथि ओ.पी. शर्मा सहित जिला भाषा अधिकारी निक्कू राम विशेष रूप से उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त भाषा एवं संस्कृति विभाग हमीरपुर से उपाधीक्षक सूरम सिंह, प्रवीण कुमार व त्रिलोक चन्द द्वारा सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल आयोजन करवाया गया।
बता दें कि 3 दिसम्बर, 1903 को फिरोजपुर छावनी के एक खत्री परिवार के घर में जन्मे क्रांतिकारी यशपाल का भूंपल नादौन से विशेष सम्बंध रहा है, इसी कारण यशपाल स्मारक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुधियाल भूंपल व यशपाल साहित्य प्रतिष्ठान नादौन की स्थापना हुई जिसमें यशपाल के स्मरण में समय समय पर साहित्यिक-पक्ष, साहित्यिक-ग्रंथों का संग्रहण, संरक्षण, संवर्धन तथा जनहित में साहित्यिक-गतिविधियों का सञ्चालन किया जाता है।
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जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग समय-समय पर अपने क्षेत्र के श्रेष्ठ क्रांतिकारियों, साहित्यकारों और लेखकों आदि के जयंती समारोहों का आयोजन करता रहता है, ताकि नई युवा पीढ़ी अपने श्रेष्ठ पूर्वजों की कृतियों और बलिदानों से अवगत रहे। यशपाल जिला हमीरपुर के श्रेष्ठ साहित्यकार और बलिदानी क्रांतिकारी हैं, जिनका देश व समाज के लिए अमूल्य योगदान रहा है।