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किसान मोर्चा के आवाहन पर हमीरपुर में सीटू का विरोध प्रदर्शन।

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-    केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन कार्यवाहियों के आवाहन पर हमीरपुर में सीटू से जुड़ी सभी यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में भाग लिया ।

 

 

आज सुबह से ही जिला के एकमात्र हाइडल प्रोजेक्ट धौलासिद्ध में मजदूर इकट्ठा हुए व हड़ताल की व गेट मीटिंग कर विरोध प्रदर्शन किया । उसके उपरांत विभिन्न यूनियनों से जुड़े मजदूर जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए और तहसील कार्यालय से लेकर गांधी चौक तक बाजार से रैली निकाली व गांधी चौक पर आम सभा की।

 

सभा को सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर कश्मीर सिंह ठाकुर, जिला सचिव जोगिंदर कुमार, रंजन शर्मा ,संतोष कुमार, ने संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि यह हड़ताल पूरे देश भर में किसान व मजदूर मोदी सरकार के गलत नीतियों से तंग आकर कर रहे हैं उन्होंने कहा जब से मोदी सरकार आई है।

 

तब से देश के चार-पाँच क कार्पोरेट घरानों पर ही देश की बेशकीमती संपत्तियों राष्ट्रीय उच्च मार्गों ,बंदरगाहों,हवाईअड्डों,बैंक, बीमा आदि सबकुछ लुटाया जा रहा है जो जनता के खून पसीने से निर्मित है ।

 

देश के प्राकृतिक संसाधनों जल,जंगल,जमीन,खनिज आदि इन कंपनियों के हवाले लूटाने के लिए किया जा रहा है जबकि जबकि देश जबकि देशवासियों पर तरह-तरह के टैक्स ठोक कर लूटा जा रहा है। मोदी सरकार ने देश के मूलभूत ढांचे में ही परिवर्तन कर दिए हैं संविधान संस्थाओं को मिट्टी में मिला दिया है और तानाशाही की तरह व्यवहार किया जा रहा है।

 

मजदूरों के लिए सभी श्रम कानून खत्म कर दिए हैं व उनकी जगह चार नए लेबर कोर्ट बनाए हैं जो मजदूरों को बंधुआ मजदूरी और गुलामी की तरफ ले जाने के का ही रास्ता साफ करते हैं। वहीं देश के किसानों को उनकी मेहनत का लाभ भी नहीं मिल पाता है जिसके चलते देश में किसानों के आत्महत्या के सिलसिले बड़े पैमाने पर बढ़े हैं।

 

मोदी सरकार ने 2014 से आज तक बड़े कारपोरेट कंपनियों के 23 लाख करोड़ कर्ज माफ किए हैं । और इसका बोझ देश की जनता के ऊपर डाला जा रहा है। देश में महंगाई तेजी के साथ बड़ी है।

 

देश में बेरोजगारी की दर अपने चरम पर है परंतु मोदी सरकार ने सभी विभागों में रिक्त पड़े लाखों पदों को भरने की बजाय उन्हें समाप्त ही कर दिया गया है और अब जो भर्तियां की जा रही है वो नियमित तौर पर न होकर आउटसोर्सिंग व ठेका प्रथा के तहत की जा रही है जिससे श्रमिकों का जमकर शोषण किया जा रहा है।

 

नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है और आए दिन मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया जाता है। जिससे पूरे देश में युवाओं में हताशा का ही वातावरण बन रहा है। देश की जनता को लूटने के लिए मोदी सरकार ने नया बिजली बिल व नया मोटर व्हीकल एक्ट बनाए हैं जिससे लोगों की जिंदगी पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है।

 

मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा को भी दांव पर ही रख दिया है सेना में अग्नि वीर योजना लाकर सेना को कमजोर करने का ही मोदी सरकार ने किया है। मोदी सरकार की नीतियों के चलते असमानता तेजी से बढ़ी है अमीर आदमी और अमीर हुए हैं जबकि भारत की ज्यादातर आबादी गरीबी रेखा के नीचे आ चुकी है।

 

वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि देश में अगर सबसे अमीर एक प्रतिशत लोगों पर दो प्रतिशत टैक्स लगा दिया जाए तो देश में पूरे 140 करोड़ भारतीयों के लिए पांच बुनियादी अधिकार सुनिश्चित किये जा सकते हैं जिसमें खाद्य का सुरक्षा का अधिकार , शिक्षा व स्वास्थ्य का अधिकार, 60 वर्ष की आयु के बाद सभी भारतीयों को ₹10000 मासिक पेंशन सुनिश्चित की जा सकती है व साथ ही हर भारतीयों को रोजगार दिया जा सकता है।

 

परंतु मौजूदा मोदी सरकार बेरोजगारों की फौज खड़ी करके बड़े कॉर्पोरेट घरानों को सस्ती से सस्ती लेबर मुहैया करवाने के ही काम में लगी है। आज के प्रदर्शन की मुख्य मांगे हैं – मजदूरों के लिए बनाए जा रहे चारों लेबर कोड निरस्त किए जाएं।

किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाया जाए
सभी को नियमित रोजगार दिया जाए ठेका प्रथा वह आउटसोर्सिंग को बंद किया जाए ।
अग्निवीर योजना को बंद किया जाए सेवा में नियमित भारती की जाए। भूमि अधिग्रहण बिल 2013 को ही लागू किया जाए।
नए बिजली बिल व मोटर व्हीकल बिल को निरस्त किया जाए।

मनरेगा में बजट बढ़ाया जाए, मनरेगा में 200 दिन का काम और ₹700 न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया।
जाए मजदूरों को मासिक न्यूनतम वेतन 26000 रु सुनिश्चित किया जाए। सभी मनरेगा मजदूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड का सदस्य बनाया जाए। श्रमिक कल्याण वोर्डों से मिलने वाले लाभ मजदूरों को एक माह के अंदर जारी की जाए व मजदूरों का नवीनीकरण व पंजीकरण किया जाए।

सभी मजदूर व किसानों के लिए 60 साल की उम्र पूरा करने पर ₹10000 मासिक पेंशन सुनिश्चित की जाए।
सभी योजना कर्मियों आंगनवाड़ी वर्कर्स व मिड डे मील वर्कर्स को पक्का किया जाए।

हिमाचल प्रदेश में सारी कृषि योग्य भूमि को आवारा पशुओं को जंगली जानवरों से बचाने के लिए सुरक्षा के बंदोबस्त किए जाएं व बाढ़बंदी की जाए। किसानों को सस्ती दरों पर चारा उपलब्ध करवाया जाए।
आज के प्रदर्शन में धर्म सिंह, प्रवीण, रेखा, कांता, सुषमा, शीला, उत्तम चंद, बौबी, राजेंद्र वाला, सुनीता, सुषमा, सुरेश, नेहा , ब्रह्मदास, रतन , मदन , रजनीश अशोक, गायत्री देवी, उर्मिला, सुभाष सहित सैकड़ो लोगों ने भाग लिया।

 

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