
हमीरपुर विवेकानंद वशिष्ठ :- हिमाचल प्रदेश में Covid-19 के दौरान मेडिकल कॉलेजों में लगभग 1857 आउटसोर्स कर्मचारियों को नियुक्त किया गया थाl लेकिन इतने लंबे समय के बाद भी सरकार इन आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना पाई है। आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि यदि हमें निकाल दिया जाएगा तो क्या करेंगे।
हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में लगभग 107 आउटसोर्स कर्मचारियों तैनात हैं। उन्होंने कहा कि हमारा एक प्रतिनिधिमंडल शिमला में 19 जून को प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिला। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था। कि आपको नौकरी से नहीं निकाला जाएगा और आपके लिए कोई ठोस नीति बनाई जाएगी लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि दुर्भाग्य की बात यह है कि अभी तक कोई नीति नहीं बन पाई है और उनका कांटेक्ट भी इसी महीने खत्म हो गया तो अब कर्मचारियों क्या करेंगे। जब कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने कहा कि हमने प्रपोजल भेज दिया है।
अब आगे सरकार का काम है हम अपनी मर्जी से आपको ड्यूटी पर नहीं रख सकते। आपने ड्यूटी करनी है तो अपनी जिम्मेदारी पर करें। कर्मचारियों का कहना है कि हम ड्यूटी तो कर लेंगे लेकिन हमें इसकी सैलरी नहीं मिलेगी तो हिमाचल प्रदेश सरकार से हम गुजारिश करते हैं कि हमारे लिए नीति जल्द से जल्द बनाई जाए। ताकि इतनी महंगाई में हम अपना घर चला सके।