हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने नई शिक्षा नीति के विरोध में विश्वविधालय में मशाल जुलूस के माध्यम से धरना प्रदर्शन किया । धरने का संचालन करते हुए कॉमरेड साहिल ने कहा कि 2020 में लाई गई शिक्षा नीति के जरिए केंद्र तथा प्रदेश सरकार शिक्षा का भगवाकरण तथा व्यापारीकरण करने का प्रयास कर रही है।
NEP की खामियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि NEP के जरिए CBCS को छात्रों पर थोपा जा रहा है । CBCS में ऐसे विषय छात्रों को पढ़ने पड़ रहे हैं जिसका औचित्य उनके भविष्य में रोजगार की दृष्टि से कुछ भी नही है। धरने को आगे बढ़ाते हुए इकाई अध्यक्ष कॉमरेड संतोष ने बताया कि NEP में 10 से 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी विद्यालयों को बंद करने की बात NEP में कही गई है
जिसका उदाहरण हमें 27 अक्तूबर को समाचार पत्र के माध्यम से मिलता है। इकाई अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र है जहां पर चंबा किन्नौर लाहौल स्पीति जैसे अन्य गई दुर्गम इलाके है जहां पर एक 6 साल का बचा 10 से 15 किलोमीटर का सफर तय नहीं कर सकता इसके साथ साथ भारत जैसे पुरुष प्रधान समाज में लड़कियों को बहुत कम संख्या में शिक्षा दी जाती है यदि उनके गांव के आस पास के विद्यालयों को बंद कर दिया जाएगा तो साधारण परिवारों की लड़कियां शिक्षा से वंचित रह जाएंगी। अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहा की NEP के माध्यम से सरकार सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने जा रही है परंतु हिमाचल प्रदेश जैसा राज्य जहां पर कुछ जिले ऐसे है जहां पर 6 से भी ज्यादा महीनों तक बर्फ रहती है वह छात्र किस प्रकार शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे ? अपनी बात खत्म करते हुए उन्होंने कहा कि यदि केंद्र एवम प्रदेश सरकार द्वारा NEP को जल्दी वापिस नहीं लिया गया तो SFI प्रदेश भर के छात्रों को लामबंद करके एक उग्र आंदोलन करेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार तथा प्रदेश सरकार की होगी।