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16 को संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर हमीरपुर में विशाल प्रदर्शन करेगी : सीटू

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-   सीटू जिला कमेटी हमीरपुर आने वाली 16 फरवरी को संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच और संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर हमीरपुर में विशाल प्रदर्शन करेगी। उल्लेखनीय है पूरे देश के किसान व मजदूर संगठन मोदी सरकार की देश विरोधी, मजदूर व किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ लगातार संघर्षरत हैं और अब संयुक्त तौर पर इस आंदोलन को लड़ने का प्रण ले चुके हैं।

 

 

उसी कड़ी में 16 फरवरी को जहां किसान दिल्ली कूच करेंगे वहीं मजदूर अपने-अपने कार्य स्थल पर हड़ताल करेंगे। देश में ऐतिहासिक किसान आंदोलन के बाद किसानों को जो आश्वासन दिए गए थे उसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाना, नए बिजली बिल को वापस लेना प्रमुखता से शामिल था।

 

साथ ही उत्तर प्रदेश के लखनपुर खीरी में किसानों को कुचलकर मारने में शामिल केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे टेनी मिश्रा व अन्य हत्यारों की जमानत रद्द कर गिरफ्तार करने व किसान आंदोलन के दौरान बनाए गए किसानों पर बनाए झूठे मुकदमों को वापस लेने, नये बिजली बिल व मोटर व्हीकल एक्ट को वापस लेने और चार नए लेबर कोडों को निरस्त करने के विरोध में ये प्रदर्शन आयोजित किया जा रहे हैं।

 

जब से मोदी सरकार देश में आए हैं लगातार महंगाई बढ़ रही है और रोजगार कहीं मिल नहीं रहे हैं। देश में बेरोजगारी की दर आज रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुकी है। पहले जो लोगों को स्थाई नौकरियां मिलती थी अब सारी स्थाई नौकरियां समाप्त कर दी गई हैं और अब पार्ट टाइम पर थोड़े समय के लिए और बहुत कम वेतन पर युवाओं को रोजगार पर रखा जा रहा है और उसमें भी रोजगार की कोई सुरक्षा नहीं है।

 

जब दिल किया तब आए दिन मजदूरों को निकाल दिया जाता है जिससे उनकी जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है। ऊपर से लगातार महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। मोदी सरकार ने सत्ता में आने में के बाद देश के 4-5 बड़े-बड़े कॉर्पोरेट घरानों को ही फायदा पहुंचाया है और उसके बदले में देश की जनता को बुरे तरीके से भारी भरकम टैक्स लगाकर लूटा जा रहा है।

 

देश में हर चीज के ऊपर 18% से लेकर 28% तक टैक्स की वसूली की जाती है डीजल,पैट्रोल पर तो उत्पाद कीमत से चार गुणा टैक्स लगा है परंतु उसके बदले में देश के लोगों को न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा है जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार,पेंशन, घर आदि तक भी सरकार मुहैया नहीं करवा रही है।

 

इसलिए सभी ट्रेड यूनियनें व किसान संगठन मिलकर यह मांग करते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाया जाए, चार नए लेबर कोर्ट निरस्त किए जाएं, सभी किसानों व मजदूरों को 60 साल की उम्र के बाद ₹10000 मासिक पेंशन दी जाए, न्यूनतम मजदूरी 26 000 मासिक सुनिश्चित की जाए, बिजली बिल व मोटर व्हीकल एक्ट को वापस लिया जाए, मनरेगा का बजट बढ़ाया जाए और 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया जाए, मनरेगा में 350 रु का न्यूनतम वेतन दिया जाए, आउटसोर्स, ठेका प्रथा समाप्त की जाए और नियमित आधार पर रोजगार दिए जाएं।

 

अग्नीवीर योजना रद्द की जाए व फौज में नियमित भर्ती की जाए। श्रमिक कल्याण बोर्ड से मजदूरों के लाभ तुरंत जारी किए जाए व नवीनीकरण व पंजीकरण नियमित तौर पर किया जाए।

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