शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में *कार्यकारी परिषद* की बैठक हुई बैठक से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विभिन्न मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इसी सत्र से लागू की जाए : अभाविप
विधार्थी परिषद इकाई मंत्री अविनाश शर्मा ने बताया की इसमें प्रमुख रूप से कुछ मांगों को उठाया गया , उन्होंने कहा की UG के विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने का एक और अतिरिक्त मौका दिया जाए, UG के ऐसे कई विधार्थी ऐसे है।
कार्यकारी परिषद को अभाविप ने सौंपा ज्ञापन
जिन्होंने अपने परीक्षा देने के मौके रेवालुएशन परिणामों के देर से आने की वजह से खो दिया है, वहीं कई ऐसे विद्यार्थि है जिन्होंने घटिया ERP के चलते परीक्षा परिणामों मे आ रही अनिमिताओं की वजह से परीक्षा फॉर्म नही भर सके, उन सभी UG के विद्यार्थियों को एक अतिरिक्त मौका परीक्षा मे बैठने का दिया जाए,
साथ ही विधार्थी परिषद ने बताया की इस प्रदेश के अंदर SPU भी एक विश्वविद्यालय जिसने UG के अंतिम वर्ष के छात्रों को जो की किन्ही 3 विषय मे फैल होगये थे उन्हे भी RE-APPEAR परिक्षाओ मे बैठने का मौका दिया है, तो उसी तर्ज पर विधार्थी परिषद विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने इस मांग को रखा की HPU भी UG के अंतिम वर्ष के छात्रों को यह मौका दे,
विद्यार्थि परिषद का कहना है कि *नई शिक्षा स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है जिसमे बुनियादी तौर पर बदलाब किए गए हैं लेकिन भारत की पहली ऐसी शिक्षा नीति है जो कि औपनिवेशिक विचार को तोड़ते हुए भारतीय विचार पर केंद्रित शिक्षा नीति है*।
इसी के साथ परिषद ने पूर्व की सरकारों के प्रति रोष प्रकट करते हुए कहा की छात्रों के एक मात्र लोकतांत्रिक अधिकार छात्र संघ चुनावो को लगभग पिछले 10 वर्षों से बंद किया गया है और सरकारों ने भी इस विषय पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का काम किया है ।छात्र संघ चुनाव छात्रों की आवाज उठाने का एक मात्र माध्यम था। आज प्रदेश में छात्र के समक्ष अनेक प्रकार की समस्याएं आ रही हैं परंतु वर्तमान समय में छात्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई प्रतिनिधि न होने के कारण प्रशासन अपनी मनमानी करते दिख रहा है इसलिए विधार्थी परिषद ने कहा की छात्र संघ चुनाव जल्द बहाल किये जाएं।
नई शिक्षा नीति को लागू करने पीछे मुख्य उद्देश्य *भारत में बच्चों को तकनीकी तथा रचनात्मकता के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता का महत्व से अवगत कराना है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके* ऐसी शिक्षा नीति को लागू करने में प्रशासन विलम्ब न करे तथा जल्द से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठयक्रम को आरंभ किया जाए।
अपनी मांग में लम्बे समय से लंबित पड़ी गैर शिक्षक वर्ग की भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाए । गैर शिक्षक भर्ती के लिए छात्रों से भी फीस ली गई लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक ऐसी भर्ती नही करवाई गई।
नये छात्रावासों का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाए। परिषद ने कहा की जब से विश्वविद्यालय बना है छात्रावास भी उसी समय के बने हुए हैं जिस कारण से कुछ छात्रावास सुधार करने की स्थिति में हैं उनकी मूरमत जल्द करवाई जाए तथा नए छात्रावासों का निर्माण भी करवाया जाए जिससे प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों एवम निन्मवर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के साथ साथ आवास की उचित सुविधा मुह्या हो सके।
परिषद ने कार्यकारी बैठक में मांग रखते हुए कहा की जिन विभागो के पास अपना बुनियादी ढांचा न होने के कारण से छात्र मूल भूत सुविधा से वंचित रह रहा है उन्हे जल्द से जल्द उनके लिए स्थाई भवन का प्रावधान किया जाए। जिस से छात्र अपनी शिक्षा आसानी से प्राप्त कर सके।
विश्वविद्यालय की पेपर चेकिंग प्रक्रिया में सुधार किया जाए । परिषद का कहना है की विश्वविद्यालय अक्सर पेपर चेकिंग के मामले में प्रश्नों के घेरे में रहता है और पुनर्मूल्यांकन के नाम पर भी विश्वविद्यालय छात्रों से लाखों रुपय ऐंठने का काम करती आ रही है परन्तु इसके उपरांत भी प्रशासन परिणाम समय पर घोषित करने में असफल रहा है। इस मांग को रखते हुए परिषद ने कहा की पुनर्मूल्यांकन का परिणाम घोषित करने के लिए समय सीमा निश्चित करनी चाहिए।
कार्यकारी बैठक के सदस्यों के समक्ष परिषद के कहा की प्रदेश के सबसे बड़े और सबसे पुराने विश्वविद्यालय में अभी तक डिजिटल पुस्तकालय से छात्र वंचित है । विद्यार्थी परिषद ने अपनी आवाज़ बुलंद करते हुए कहा की केंद्रीय पुस्तकालय का डिजिटलाइजेशन हो । जिसे से छात्रों को सुविधा मुहाया हो पाए।
विद्यार्थी परिषद ने अपनी मांगों को रखते हुए कहा की कार्यकारी परिषद की बैठक में डाटा अपडेशन की फीस वृद्धि को वापिस लिया जाए जिससे छात्रों को भारी भरकम फीस को भरने जैसी मुश्किलों का सामना न करने पड़े जिससे छात्र कम फीस में शिक्षा प्राप्त करने का लाभ प्राप्त कर सकें , परिषद ने बताया ऐसी गलती के पीछे अधिकतर समय प्रशासन की गलती ही कारण रहती है और पहले डाटा अपडेशन की फीस को 50 रुपया निधार्रित किया गया था परंतु वर्तमान में इस फीस को 600 रुपया कर दिया गया है जिसे काम किया जाए ।
विद्यार्थी परिषद ने प्रशासन ने B.Ed के छात्रों को डिग्री पुरा करने के लिए एक विशेष मौका देने की बात भी प्रशासन के सामने रखी हैं, हम देखते है B.Ed के छात्रों को अभी तक नही दिया गया था ,
अपनी मांग में परिषद ने कहा की अन्य प्रदेशों के विश्वविद्यालयों में शोधार्थियों को छात्रवृति प्रदान की जाती है पूर्व की सरकार ने हिमाचल में भी शोधार्थी सम्मान निधि तय तो करी थी परंतु अभी तक शोधार्थी छात्रवृति से वंचित हैं अन्य राज्यो के भांति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शोधार्थियों को छात्रवृति की सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध करवाई जाए। जिस से उस निधि का उपयोग शोधार्थी अपने शोध में कर पाए।
साथ ही साथ परिषद ने मांग रखते हुए परिषद ने बताया की विश्वविद्यालय मे कई ऐसे विषय है जिन्हे विश्वविद्यालय प्रशासन बन्द करने जा रहा है, विद्यार्थि परिषद ने ये मांग उठाई है की किसी विषय को बन्द नही किया जाए,
साथ ही विद्यार्थि परिषद ने Phd मे extention मे जो UGC की नई guidelines को allready enrolled विद्यार्थियों पर ना थोपा जाए ये माँग भी रखी है,
विश्वविद्यालय इकाई ने इस प्रकार से अपनी मांगों को कार्यकारी परिषद के समक्ष रखा और कार्यकारी परिषद ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को आश्वासन दियाला की सभी मांगों को पूर्ण करने की कोशिश करेंगे।