
संवाददाता, हमीरपुर
भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की देशभर में प्रशंसा हो रही है। सेना के शौर्य और साहस को सलाम करते हुए देशवासियों ने इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए जवानों का आभार जताया है।
हालांकि, इस ऑपरेशन के बीच में ही सीज़फायर की घोषणा पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने मीडिया को दिए बयान में सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि “पहलगांव आतंकी हमले में देश की बेटियों के सिंदूर को निशाना बनाकर उनकी हत्या करने वाले आतंकी आज भी फरार हैं। जब भारतीय सेना आतंकियों से हिसाब चुकता करने में जुटी थी, तो विदेशी दबाव में सीज़फायर क्यों किया गया? यह देशवासियों को निराश करने और सेना के मनोबल को तोड़ने जैसा है।”
कौशल ने प्रधानमंत्री के उस बयान को भी “हास्यास्पद” बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि “उनकी रगों में खून नहीं, बल्कि गर्म सिंदूर बहता है।” कौशल ने कहा, “यह बयान सिर्फ मजाक ही नहीं, बल्कि सरकार की कमजोरी और विफलता को छिपाने का प्रयास भी है। सच्चाई यह है कि पहलगांव हमले के दोषी अभी भी खुले घूम रहे हैं, और प्रधानमंत्री ने दृढ़ता दिखाने की बजाय विदेशी दबाव में देश के गौरव से समझौता कर लिया।”
उन्होंने आगे कहा कि “पाकिस्तान, जिसे अब ‘आतंकिस्तान’ कहा जाने लगा है, को बचाने की यह नीति देश के लिए शर्मनाक है। सेना की बहादुरी के बावजूद सरकार ने आतंकियों के साथ सौदेबाजी कर ली, जो देशहित में नहीं है।”