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कम्युनिस्ट पार्टी कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में भ्रष्टाचार के अड्डे में बदलने की कड़ी आलोचना करती है।

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भ्रष्टाचार के अड्डे में बदलने की कड़ी आलोचना करती है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आए दिन पेपर लीक होने के मामले सामने आ रहे हैं प्रदेश में दिन रात मेहनत करके नौकरी पाने वाले युवाओं के साथ धोखा किया जा रहा है। हमीरपुर से हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं किसी समय में बोर्ड के चेयरमैन रहे एस एम कटवाल को इसी तरह के भ्रष्टाचार के मामलों में हाई कोर्ट तक से सजा हो चुकी है परंतु उसके बाद भी प्रदेश में आई सरकारों ने कोई सबक नहीं लिया है और आज इसके परिणाम सामने आ रहे हैं । ऐसा लगता है कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग रोजगार देने के नाम पर परीक्षाओं का आयोजन महज़ भ्रष्ट तरीके से कमाई करने तक सीमित हो गया है। जो प्रदेश के युवा इमानदारी से दिन रात मेहनत करके नौकरी की आस लगाकर रखते हैं उनके साथ धोखाधड़ी है । कई कई सालों से कर्मचारी चयन आयोग में कर्मचारी कार्यरत हैं जिससे ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था मिलीभगत के चलते कायम हो चुकी है जहां इमानदारी के लिए कोई जगह नहीं बची है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी सरकार से मांग करती है कि एस एम कटवाल जिस समय से चेयरमैन थे के बाद हुई सभी भर्तियों की जांच कराएं और कर्मचारी चयन आयोग में तैनात कर्मचारियों से जांच पड़ताल करने के साथ-साथ संस्थान में लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों का तुरंत तबादला किया जाए। इस तरह से इस तरह की परीक्षाओं के पेपर बेचने वालों की सारी संपत्तियां जब्त करके कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भ्रष्टाचारी युवाओं के भविष्य से साथ खिलवाड़ ना कर सके। कर्मचारी चयन आयोग को बहाल किया जाए और निष्पक्ष व इमानदार स्टाफ की नियुक्ति की जाए।

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