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हमीरपुर के महान् योद्धा जनरल जोरावर सिंह व्यक्तित्व एवं कृतित्व विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश जिला हमीरपुर द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्मारक राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर एवं मुस्कान चेरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से महाविद्यालय के सभागार में “महान योद्धा जनरल जोरावर सिंह – व्यक्तित्व एवं कृतित्व” विषय आधारित एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया | हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार एवं कहानी लेखक श्री गंगा राम राजी मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे | कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय महाविद्यालय धनेटा के प्राचार्य श्री अश्वनी शर्मा ने की साथ ही सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के इतिहास विभाग के सहायक आचार्य डा. राकेश शर्मा मुख्य वक्ता के रूप में समुपस्थित रहे | संगोष्ठी का शुभारम्भ दीप प्रज्वालन के साथ हुआ | तदोपरांत जिला भाषा अधिकारी ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की भूमिका में कहा कि जिस भी व्यक्ति का जितना कठोर संघर्ष रहता है वह व्यक्ति उतना ही महान बनता है | मुख्य वक्ता डा. राकेश शर्मा ने जनरल जोरावर सिंह के जीवन से जुड़े कई पहलुओं एवं उनके आजीवन संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जोरावर सिंह की सामरिक एवं दूर दृष्टि का ही परिणाम है कि उनके द्वारा किए गए विजय अभियानों के परिणामस्वरूप उत्तरी हिमालय का कश्मीर एवं लद्दाख का क्षेत्र आज भारत का अभिन्न अंग है | मुख्यातिथि श्री गंगा राम राजी द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि हमीरपुर की भूमि शुरू से ही वीरभूमि रही है जहाँ ऐसे महान योद्धा जन्मे उनमें से एक जनरल जोरावर सिंह ने अपने बाहुबल से उत्तर हिमालय के कई क्षेत्रों में विजय अभियान चलाए | इसके बाद श्री गंगा राम राजी द्वारा जनरल जोरावर सिंह के जीवन चरित पर लिखे गए उपन्यास पर चर्चा हुई | कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री अश्वनी शर्मा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठियाँ विद्यार्थियों में नेतृत्व के गुण को बढ़ाने का कार्य करती हैं एवं ऐसे महान पुरुषों के बारे में जानकर उनके आदर्शों को हमे अपने जीवन में उतारना चाहिए | इसके अतिरिक्त जिला के वरिष्ठ साहित्यकार श्री राजेन्द्र राजन, डा. ओ पी. शर्मा एवं श्री रत्न चंद रत्नाकर ने भी अपने विचार रखे | संगोष्ठी के अंत में विद्यार्थियों के लिए सवाल – जवाब का अवसर भी दिया गया जिसमें विद्यार्थियों के प्रश्नों केजवाब मुख्य वक्ता ने दिए | इस अवसर पर हमीरपुर के वरिष्ठ साहित्यकार श्री रत्न चंद रत्नाकर द्वार रचित “जलते नीड़” नामक काव्य संग्रह पुस्तक का भी विमोचन किया गया | कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के डा. प्रकाश ठाकुर द्वारा आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया गया | इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं विद्यार्थी भी उपस्थित रहे | अंत में राष्ट्र गान के साथ संगोष्ठी का समापन हुआ |
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