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हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- तकनीकी विवि के कुलपति प्रो शशि कुमार धीमान ने कहा कि आज हम 25वां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मना रहे हैं। उन्होंने कहा भारत ने साल 1998 में पोखरण-दो न्यूक्लियर टेस्ट में एक बड़ी सफलता अपने नाम की थी। वहीं, पोखरण-एक भारत की पहला न्यूक्लियर टेस्ट था। पहला न्यूक्लियर टेस्ट साल 1974 में किया गया था। इसे स्माइलिंग बुद्धा के नाम से जाना जाता है। जहां तक पोखरण-दो की बात करें, तो भारतीय सेना ने टेस्ट रेंज से पांच न्यूक्लियर धमाके किए थे। इस न्यूक्लियर टेस्ट का कोड नेम शक्ति-एक न्यूक्लियर मिसाइल था। भारत को न्यूक्लियर टेस्ट में मिली सफलता के बाद ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 मई का दिन प्रौद्योगिकी दिवस के नाम किया था। कुलपति ने कहा युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी को करियर के रूप में अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए आज कई योजनाएं व कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, इसलिए ऐसे रिसोर्स का सही प्रयोग करते हुए युवाओं को समाज के कल्याण के लिए नवाचार व नई तकनीक को विकसित करने की दिशा में काम करना चाहिए