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हमारी लोक संस्कृति के संरक्षक है लोक गायक : नरेंद्र अत्री

हमीरपुर/विवेकानंद  वशिष्ठ  :- लोक संस्कृति के संरक्षण में हमारे लोक गायकों का एक अहम स्थान है यह बात पूर्व में भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र अत्री ने हमीरपुर में पहाड़ी गायिका पल्लवी चंदेल के गाने *निंद्रा गंवाई वे*के विमोचन पर कही। नरेंद्र अत्री ने कहा पहाड़ी भाषा, लोक संस्कृति के संरक्षण एवं प्रचार में लोक गायकों का अहम स्थान है।
पल्लवी चंदेल के नए गाने निंद्रा गंवाई के विमोचन पर बोले भाजपा नेता
हमारे लोकगीत हमें हमारे स्थानीय गौरवशाली इतिहास से भी हमारी वर्तमान पीढ़ी को रूबरू करवाते हैं, जो कि आधुनिकता के इस दौर में अत्यंत महत्वपूर्ण है। नरेंद्र अत्री ने कहा कि पल्लवी चंदेल पढ़ाई के साथ साथ जिस तरह लोक गायकी, धार्मिक संगीत समारोहों में विभिन्न संगीत समूहों के माध्यम से सक्रिय रहती है वह बहुत सराहनीय है। उल्लेखनीय है पल्लवी चंदेल की पिता ओमप्रकाश चंदेल जाने पहचाने लोकगायक है व अब तक 300 से अधिक लोकगीत गा चुके हैं, और अब उनकी बेटी पल्लवी चंदेल भी पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए आगे बढ़ रही है।
लोक संस्कृति के संरक्षण में हमारे लोक गायकों का एक अहम स्थान है यह बात पूर्व में भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र अत्री ने हमीरपुर में पहाड़ी गायिका पल्लवी चंदेल के गाने *निंद्रा गंवाई वे*के विमोचन पर कही। नरेंद्र अत्री ने कहा पहाड़ी भाषा, लोक संस्कृति के संरक्षण एवं प्रचार में लोक गायकों का अहम स्थान है। हमारे लोकगीत हमें हमारे स्थानीय गौरवशाली इतिहास से भी हमारी वर्तमान पीढ़ी को रूबरू करवाते हैं, जो कि आधुनिकता के इस दौर में अत्यंत महत्वपूर्ण है। नरेंद्र अत्री ने कहा कि पल्लवी चंदेल पढ़ाई के साथ साथ जिस तरह लोक गायकी, धार्मिक संगीत समारोहों में विभिन्न संगीत समूहों के माध्यम से सक्रिय रहती है वह बहुत सराहनीय है। उल्लेखनीय है पल्लवी चंदेल की पिता ओमप्रकाश चंदेल जाने पहचाने लोकगायक है व अब तक 300 से अधिक लोकगीत गा चुके हैं, और अब उनकी बेटी पल्लवी चंदेल भी पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए आगे बढ़ रही है।
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