Search
Close this search box.

मजदूर यूनियन ने श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-   हिमाचल भवन,सड़क एवं अन्य निर्माण मजदूर यूनियन (संबंधित सीटू) श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है 1996 में निर्माण मजदूरों के लिए बने कानून के तहत निर्माण मजदूरों के लिए राज्यों में श्रमिक कल्याण बोर्ड बने हैं जहां मजदूरों का पंजीकरण किया जाता है और फिर मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा के लिए लाभ प्रदान किए जाते हैं। जिसमें बच्चों की पढ़ाई के लिए वजीफा, शादी या मृत्यु होने पर मदद,  पेंशन आदि कई और लाभ मिलते हैं। देश भर के श्रमिक कल्याण बोर्ड में 72000 करोड़ रूपया है जो मजदूरों का है और मजदूरों के ऊपर खर्च करना है परंतु केंद्र सरकार इसे हड़पने की फिराक में है। और इसके लिए नियमों और कानूनों को बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं। उसके विरोध में यह प्रदर्शन आयोजित किया गया।
 हिमाचल प्रदेश में भी पिछले डेढ़ साल से श्रमिक कल्याण बोर्ड का काम बंद पड़ा है। निर्माण मजदूरों का नवीनीकरण व पंजीकरण नहीं हो रहा है और मजदूरों को लाभ भी नहीं मिल रहे हैं जिससे मजदूरों में भारी रोष है। 1996 में निर्माण मजदूरों के लिए बने कानून के तहत बने श्रमिक कल्याण बोर्डों में मजदूरों के बच्चों के लिए वजीफा का प्रावधान है, शादी व मृत्यु होने की स्थिति में वित्तीय मदद मिलती है और कई तरीके की सामाजिक सुरक्षा के लिए सहायता मिलती है जो की निर्माण मजदूर की जिंदगी का किस्सा बन चुका है। जब से श्रमिक कल्याण बोर्ड हिमाचल प्रदेश में बना है हिमाचल प्रदेश के निर्माण का मजदूर अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने का सपना देखने लगे थे।
परंतु जब से सरकार बदली है तब से मजदूरों के सारे लाभ रोक दिए गए हैं। कई बार सरकार के प्रतिनिधियों यहां तक कि मुख्यमंत्री से भी इन मसलों पर बातचीत की गई परंतु उनके कानों तक जूं तक नहीं रेंग रही है।
 22 जुलाई को श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक हुई जिसके अध्यक्ष धनीराम शांडिल हैं जो कि मंत्री भी हैं की मौजूदगी में प्लांट बोर्ड में फैसला हुआ की 15 दिन के भीतर मजदूरों के लाभ जारी कर दिए जाएंगे और मजदूरों का नवीनीकरण, पंजीकरण कर दिया जाएगा जो कि गांव में मिस्त्री, मजदूर और जो भी अन्य निर्माण के कार्य में मजदूरी का काम करते हैं। श्रमिक कल्याण बोर्ड में फैसला होने के बावजूद इसे लागू नहीं किया जा रहा है और यह सरकार के ऊपर सवालिया प्रश्न चिन्ह लगाता है। इससे पता चलता है कि प्रदेश की सुखु सरकार मजदूरों के हित में नहीं है और जो मजदूरों के अधिकार है उनको डकारने में लगी है। मजदूरों ने एकजुट होकर ये फैसला लिया है कि जब तक गांव के मजदूरों को और मनरेगा मजदूरों को कल्याण बोर्ड का सदस्य नहीं बनाया जाता और उनके लाभ जारी नहीं किए जाते तब तक यूनियन मजदूरों के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेगी जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। आज के प्रदर्शन को सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह सिंह ठाकुर, जिला अध्यक्ष प्रताप राणा हिमाचल प्रदेश निर्माण मजदूर यूनियन के राज्य अध्यक्ष जोगिंद्र कुमार, जिला के अध्यक्ष सुरेश कुमार, सचिव रंजन शर्मा, रजनीश, सुषमा जितेंद्र धीमान ने भी संबोधित किया। व शीला, मीना, सपना, उत्तम, विनोद, सुभाष, कमल, मिलाप,कमल, सुषमा, संध्या सहित सैकड़ो मजदूरों में प्रदर्शन में भाग लिया।
[covid-data]