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हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- उपायुक्त हेमराज बैरवा ने शिक्षकों से अपील की है कि वे अपने दैनिक अध्यापन कार्यों में डिजिटल प्रौद्योगिकी का समावेश करें। इससे न केवल बच्चों को बेहतर एवं रोचक ढंग से शिक्षा उपलब्ध होगी, बल्कि शिक्षकों को भी अध्यापन कार्यों में आसानी होगी, उनकी अध्यापन क्षमता बढ़ेगी तथा वे सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में अपने आपको अपडेट रख सकेंगे।
सरकारी स्कूलों को अत्याधुनिक डिजिटल सुविधा उपलब्ध करवाएगी संपर्क फाउंडेशन
उपायुक्त मंगलवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गलोड़ में संपर्क फाउंडेशन के आधुनिक डिजिटल शिक्षा कार्यक्रम एस-टीवी (संपर्क-टीवी) के तहत विज्ञान अध्यापकों के लिए आयोजित खंड स्तरीय कार्यशाला के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला में गलोड़ खंड के 34 स्कूलों के विज्ञान अध्यापकों ने भाग लिया।
उपायुक्त ने गलोड़ स्कूल में किया खंड स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ
उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान दौर में डिजिटल माध्यमों से शिक्षण-प्रशिक्षण बहुत जरूरी है और सरकारी स्कूल भी स्मार्ट क्लासेज की तरफ बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में इस क्षेत्र में कई और बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इसलिए, शिक्षकों को भी इसके प्रति अपडेट रहना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि अब अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से होने लगी हंै। इसके मद्देनजर सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी डिजिटल माध्यमों की जानकारी होना अतिआवश्यक है, ताकि प्रतिस्पर्धा के इस युग में वे भी अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक और स्कूल प्रमुखों को दिए मॉनीटरिंग के निर्देश
हमीरपुर जिले की चर्चा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि साक्षरता दर की दृष्टि से यह जिला देश के अग्रणी जिलों में शामिल है और यहां लोग अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा के प्रति भी अधिक जागरुक हैं। इसलिए, यहां के सरकारी स्कूलों में डिजिटल माध्यम से शिक्षा के त्वरित क्रियान्वयन एवं इसकी सफलता के लिए परिस्थितियां काफी अनुकूल हैं।
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डिजिटल माध्यमों से शिक्षण-प्रशिक्षण के क्षेत्र में संपर्क फाउंडेशन की सराहना करते हुए उपायुक्त ने कहा कि फाउंडेशन ने लगभग 470 प्राथमिक स्कूलों में डिजिटल सुविधाएं एवं उपकरण उपलब्ध करवाए थे। अब यह संस्था अप्पर प्राइमरी यानि छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए एस-टीवी के रूप में एक बेहतर मॉड्यूल लेकर आई है। इसके लिए फाउंडेशन स्कूलों को आवश्यक डिजिटल उपकरण और एलईडी भी उपलब्ध करवा रही है।
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उपायुक्त ने विज्ञान अध्यापकों से इस अत्याधुनिक सुविधा का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक और सभी स्कूल प्रमुखों को इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की नियमित रूप से मॉनीटरिंग करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर उपायुक्त ने प्रतिभागी अध्यापकों को डिजिटल उपकरण वितरित किए।
इस मौके पर प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक अशोक कुमार, तहसीलदार केशव कुमार, समग्र शिक्षा के जिला परियोजना अधिकारी धर्मपाल चौधरी, प्रधानाचार्य सुरेंद्र पाल शर्मा, जिला विज्ञान समन्वयक राकेश गौतम, संपर्क फाउंडेशन के क्षेत्रीय प्रमुख अनिल जैनवान, राज्य प्रमुख राजन अधिकारी और जिला समन्वयक अनूप कौशल भी उपस्थित थे।