Search
Close this search box.

शिव मन्दिर भड़मेली में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा : कथा वाचक आचार्य पंकज शर्मा शास्त्री

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-   शिव मन्दिर भड़मेली में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन कथा वाचक आचार्य पंकज शर्मा शास्त्री ने प्रहलाद व नरसिंह अवतार का प्रसंग विस्तार पूर्वक वर्णन के साथ संगीतमय प्रवचन दिये ! आचार्य पंकज शर्मा शास्त्री  ने आज के प्रसंग के दौरान बताया कि उपवास सभी रोगों में सुधार की सबसे प्रभावशाली विधि है ! उपवास से शक्ति मिलती है ! लेकिन समाज में प्रतिष्ठा पाने के लिए अच्छे कर्म करने होते हैं ! आचार्य  ने कहा कि प्राचीन काल से व्रत, सत्संर्ग, कथा आदि की रचना लोगों में जागृति, सदभावना, सामूहिकता, ईमानदारी, एकता, कर्तव्यनिष्ठा, परमार्थ परायणता, लोकमंगल, देशभक्ति, सुसंस्कृत, सुयोग्य नागरिक बनने, समाज को सुविकसित करने के लिए गई थी !

आचार्य पंकज शर्मा शास्त्री जी ने भगवान श्री कृष्ण की पावन लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि बच्चों को धर्म तथा अच्छे कर्म,का ज्ञान बचपन में ही देने से वह जीवन भर उसका पालन तथा स्मरण करता है ! ठीक उसी प्रकार संगति का भी ध्यान रखना जरूरी होता है ! बच्चों की संगति कैसे लोगों के साथ है अगर अच्छे लोगों के साथ है तो वह भी अच्छा बनेगा लेकिन गलत व्यवहार के व्यक्तियों के साथ संगत है तो उसके व्यवहार में भी उसका असर देखने को मिलने लगेगा !

आचार्य पंकज शर्मा शास्त्री  ने अनेकों प्रसंगों और उदाहरण के माध्यम से कथा का वर्णन किया जिसे सभी श्रद्धालु जनों ने मंत्रमुग्ध होकर श्रवण और संगीतमय कथा के दौरान नृत्य किया ! श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन वामन चरित्र, मोहिनी अवतार, रामजन्म, कृष्ण जन्म का प्रसंग लेकर विस्तार पूर्वक वर्णन कर श्रोताओं को कथा वाचक आचार्य पवन कृष्ण गोस्वामी ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा में वह सारे गुण व्याप्त है जिनके माध्यम से प्राणी अपना कल्याण कर सकता है, साथ में परिवार व उनसे जुड़े हुए लोगों का भी कल्याण होता है ! जीवन में जब अवसर मिले समय निकालकर प्रत्येक व्यक्ति को भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए !

कथा वाचक आचार्य पंकज शर्मा शास्त्री  ने ऐसा समां बांधा कि श्रद्धालुजन अपने आप को रोक नही सके ! नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की धुन पर भक्त जमकर झूमें, तथा भगवान कृष्ण की सामुहिक जय-जयकार के बीच श्रद्धाभाव के साथ श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया ! इस दौरान कार्यक्रम स्थल को विभिन्न प्रकार के रंगीन गुब्बारों से सजाया गया और टॉफियां बांटकर खुशियां मनाई गई ! श्रीकृष्ण अवतार की झांकी निकाली गई इस दौरान बधाई देने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा है बधाई गीतों के बीच भक्तिमय वातावरण बना रहा !
आचार्य  ने कथा प्रवचन के दौरान सनातन धर्म के नियमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोई कार्य सोच विचार कर करने चाहिए ! बिना सोचे-विचारे अर्थात बिना चिंतन-मनन के कार्य करने का परिणाम अक्सर गलत होता है ! ‘‘बिना विचारे जो काम सो पीछे पछताए ! काम बिगाड़ो आपनों, जग में होत हसाए ! के कहावत को चरितार्थ करता है ! इसके अलावा अपने सामर्थ्य के अनुरूप ही कार्य करना चाहिए अर्थात जितनी लम्बी चादर, पैर उतना फैलाना चाहिए !

आचार्य पंकज शर्मा शास्त्री  ने कहा कि मन में हर हमेशा जिज्ञासा बनी रहना चाहिए, जिस प्रकार बालपन में बालको को कुछ नया देखने व सुनने से उसके मन में उसे जानने की जिज्ञासा होती है ! इसलिए अपने अंदर के बालपन को हमेशा बनाए रखना चाहिए ! आचार्य पंकज शर्मा शास्त्री जी ने एकादशी व्रत के नियमों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला ! कथा दोपहर 12:00 बजे से आरंभ होकर रात 04,:30 बजे तक चला कथा के समापन पश्चात् मुख्य पंडित सहित श्रद्धालुओं ने विधि विधान के साथ आरती की तत्पश्चात् प्रसाद वितरण किया गया ! कथा में बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरूषों ने भागीदारी निभाई ! जय श्री कृष्णा जी की कृपा सभी भक्तों पर निरंतर बनी रहे !! जय श्री कृष्णा !!

[covid-data]