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SPU का दायरा घटाने एवं परिसर की मूलभूत सुविधाओं को लेकर रखी भूख हड़ताल

हमीरपुर/विवेकानंद  वशिष्ठ  :-  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमीरपुर इकाई द्वारा सरदार पटेल विश्वविद्यालय का दायरा घटाने हेतु एवं कुछ मुख्य मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार से पूर्व सरकार ने जो महाविद्यालय और शिक्षण संस्थानों को खोला था वर्तमान सरकार उन्हें बंद करने पर तुली हुई है इनकी आपसी मतभेद का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। सरदार पटेल विश्वविद्यालय को केवल राजनीतिक लाभ देखते हुए खोला और वर्तमान में वहां पर स्थाई शिक्षक गैर शिक्षक कर्मचारी भी नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान की सरकार विद्यार्थियों के साथ धोखा करते हुए सरदार पटेल विश्वविद्यालय को बंद करने पर तुली हुई है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय का दायरा घटाने का फैसला लिया है जो बिल्कुल भी छात्र हित में नहीं है। सरदार पटेल विश्वविद्यालय प्रदेश का दूसरा विश्वविद्यालय है और यह पूरे प्रदेश की बहुत बड़ी मांग है। दूर दराज के क्षेत्र से शिमला पहुंच पाना बहुत ही मुश्किल है और दूर-दराज से पढ़ने वाले छात्रों को यदि कोई आवश्यक काम आ जाए तो उन्हें काफी लंबा सफर तय करना पड़ता है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमीरपुर इकाई द्वारा सरदार पटेल विश्वविद्यालय का दायरा घटाने के लिए और अन्य छात्र मांगों को लेकर रखी गई 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल ।

 

विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश के लाखो युवाओं के साथ इस विश्वविद्यालय के लिए लंबी निर्णायक लड़ाई लड़ी है | वह जिस प्रकार की राजनीति प्रदेश की सरकार कर रही है तो विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार को यह चेतावनी देना चाहती है की अगर सरदार पटेल विश्वविद्यालय को खोलने के लिए हजारों विद्यार्थियों के साथ छात्र हुंकार रैली कर सकती है तो हजारों विद्यार्थियों द्वारा लंबी लड़ाई के बाद खोले गए इस विश्वविद्यालय को बचाने के लिए प्रदेश के हजारों युवाओं को एकत्रित कर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने से पीछे नहीं हटेगी वह प्रदेश सरकार से यही आग्रह करती है कि वह राजनीति का खेल ना बनाते हुए

विश्वविद्यालय को एक शिक्षण संस्थान ही रहने दे और जो फैसला विश्वविद्यालय का दायरा घटाने का लिया गया है उसे जल्द से जल्द वापस नही लेती है तो विद्यार्थी विद्यार्थी परिषद उग्र से होकर आंदोलन करेगी जिसका खामियाजा प्रदेश की वर्तमान सरकार को भुगतना पड़ेगा। और उन्होंने कहा की जो 2013 में छात्र संघ चुनाव बंद कर दिए गए थे उनको भी जल्द से जल्द खोला जाए ताकि छात्रों को अपना लोकतांत्रिक अधिकार मिल सके और वह अपना प्रतिनिधि चुन सके जो उनके हितों में और छात्र हेतु में कार्य कर सके । और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भी जल्द से जल्द लागू करने के लिए उन्होंने अपनी आवाज उठाई आज से 3 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर दिया गया परंतु उसे केवल मात्र कागजों पर ही तक ही सीमित कर दिया गया उसे महाविद्यालय में लागू नहीं किया गया तो उसे भी जल्द से जल्द लागू करने के लिए कहा गया। ताकि छात्र नई शिक्षा नीति की लाभ उठा सके।उन्होंने कहा वर्तमान की छात्र विरोधी कांग्रेस सरकार प्रदेश में सिर्फ और सिर्फ बदले की भावना से कम कर रही है शिक्षण संस्थानों को डिनोटिफाई किया जा रहा है और प्रदेश के महाविद्यालय के आधारभूत संरचना की और ध्यान नहीं दिया जा रहा महाविद्यालय में रिक्त पड़े शिक्षक और गैर शिक्षकों के पद इस प्रदेश सरकार द्वारा नहीं भरे जा रहे।

 

 

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