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7 निःशक्त व्यक्तियों के लिए कानूनी संरक्षकों की नियुक्ति को दी मंजूरी

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-   मानसिक मंदता, आॅटिज्म, सेरीब्रल पाल्सी और बहु-विकलांगता के शिकार व्यक्तियों के कल्याण के लिए बनाए गए राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के अंतर्गत स्थानीय स्तरीय समिति की त्रैमासिक बैठक शुक्रवार को एडीसी जितेंद्र सांजटा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिले में उक्त विकलांगताओं के शिकार व्यक्तियों के कल्याण, इनके लिए कानूनी संरक्षकों की नियुक्ति और अन्य मुद्दों पर बैठक के दौरान व्यापक चर्चा की गई।

राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के तहत स्थानीय स्तरीय समिति ने किया अनुमोदन

 

इस अवसर पर जितेंद्र सांजटा ने बताया कि इस तरह की विकलांगताओं के शिकार व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के तहत कानूनी संरक्षक नियुक्त करने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष की आयु तक तो ऐसे बच्चों के माता-पिता ही स्वभाविक रूप से उनके कानूनी संरक्षक होते हैं। लेकिन, 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद इन निरूशक्त लोगों के लिए कानूनी संरक्षक नियुक्त किए जाते हैं, ताकि इनके अधिकारों की रक्षा हो सके। उपायुक्त ने बताया कि जिला हमीरपुर में अभी तक ऐसे 173 दिव्यांगजनों को विधिक संरक्षता प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं।


बैठक में स्थानीय स्तरीय समिति के सदस्यों ने कानूनी संरक्षकों की नियुक्ति के लिए प्राप्त 8 नए आवेदनों पर व्यापक चर्चा की। इनमें से 7 आवेदनों को समिति ने अनुमोदित भी कर दिया।
इस अवसर पर जिला कल्याण अधिकारी राकेश पुरी ने राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 और कानूनी संरक्षकों की नियुक्ति के विभिन्न आवेदनों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आरके अग्निहोत्री, जिला कार्यक्रम अधिकारी बलवीर सिंह बिरला, अन्य विभागों के अधिकारी तथा समिति के गैर सरकारी सदस्य भी उपस्थित थे।

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