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शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- एसएफआई शिमला शहरी छात्रा उप समिति द्वारा 15 सितम्बर को छात्रा अधिवेशन किया गया जिसमे एसएफआई के पूर्व कार्यकर्ता डॉ रंजना जरेट, एसएफआई शिमला जिला छात्रा संजयोक नेहा ठाकुर, एसएफआई शिमला शहरी अध्यक्ष नीतीश राजटा उपस्थित थे।
महिलाओं के साथ लगातार हो रहे शोषण पर रोक लगाई जाए – प्रिया ठाकुर
अधिवेशन का उद्धघाटन एसएफआई के पूर्व कार्यकर्ता डॉ रंजना जरेट जी के द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि आज देश और दुनिया में महिला अग्रिम पंक्ति में अपनी भूमिका निभा रही है वह चाहे कृषि के क्षेत्र में हो वह चाहे शिक्षण संस्थानों में हो या ग्रामीण क्षेत्रों में हो या समाज के अलग-अलग वर्गों में अग्रिम पंक्ति में अपनी भूमिका निभा रही है परंतु उसके बावजूद भी उसके साथ दिन प्रतिदिन अत्याचार होते आ रहे हैं 2014 के बाद देश में जब से मोदी की सरकार आई है
तब से महिलाओं पर अत्याचार और भी ज्यादा बड़े हैं हम देखते हैं की हाल ही में मणिपुर में किस तरीके से महिलाओं को नंगा करके जुलूस निकाला गया या राजस्थान के अंदर बीजेपी का छात्र संगठन AbVP के द्वारा वहां पर छात्राओं के साथ रेप किया जाता है और देश में अलग-अलग हिस्सों में यूपी, बिहार, गुजरात, हरियाणा, अलग-अलग राज्य में महिलाओं पर दिन प्रतिदिन अत्याचार की घटना सुनने को मिलती है आज देश के अंदर महिलाओं को डराया वह धमकाया जाता है और जिस प्रकार से घरेलू हिसा चलती आ रही है उसमें और भी ज्यादा इजाफा हुआ है और इसके पीछे अगर कारण देखें तो इसकी जड़ सिर्फ वह सिर्फ पूंजीवाद है ।
पूंजीवाद के कारण आज देश में महगाई ,बेरोजगारी सांप्रदायिकता ,अराजकता फैली है।
आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि जब हम एसएफआई के अंदर 1980 से 1985 के बीच हुआ करते थे तो सिर्फ हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र अधिवेशन हुआ करते थे आज एसएफआई इतना आगे बढ़ चुकी है कि वह भारत में नहीं बल्कि भारत के अलावा यूके, बांग्लादेश जैसे कई देशों में पहुंच चुके हैं एसएफआई वह छात्र संगठन है जिसमें महिलाओं को बराबरी का हक दिया जाता है जिसमें महिलाओं को उनके अधिकार के बारे में बताया जाता है और समाज में फैल रही बुराइयों के बारे में लड़ना सीखता है।
संजयोक प्रिया ने कहा कि हमे इस शिमला शहर नही अपितु पूरे देश में हो रहे महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ लड़ना होगा और कॉलेजों में लड़कियों को जिस भी प्रकार की परेशानियां आती है हम उनके साथ दिन रात खड़े हैं और उनकी परेशानियों को दूर करने में साहयता करेगे।
सह संयोजक मोनिका ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानो में लोकतांत्रिक तरीके से लिंग स्वदेनशील कमेटी का गठन किया जाना चाहिए अगर हम आज बात करे तो पूरे हिमाचल प्रदेश में किसी भी कॉलेज में इस प्रकार की कोई भी कमेटी का गठन नहीं किया गया है और हम लगातार मांग भी कर रहे है कि लिंग स्वदेनशील कमेटी का गठन किया जाना चाहिए
मोनिका ने कहा कि हम महिलाओं की आवाज को लेकर दिन रात लड़ेगे और कॉलेजों और स्कूलों में लकड़ियों को समाज के प्रति जागरूक करेगे।