जिला परिषद कर्मचारियों की हड़ताल को बमसन के पंचायत प्रधानों का मिला समर्थन

हमीरपुर/विवेकानंद  वशिष्ठ  :-  जिला परिषद कैडर के अधिकारी व कर्मचारी महासंघ की हड़ताल को विकास खंड बमसन के पंचायत प्रधानों ने भी अपना समर्थन दे दिया है,  जिससे हड़ताल को काफी बल मिला है । पंचायत कर्मचारी मांगे न पूरी होने तक हड़ताल पर डटे रहेंगे। जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी संघ महासंघ का ब्लॉक स्तरीय आंदोलन विकासखंड मुख्यालय टोनी देवी में लगातार 8 दिन से जारी है।
प्रधानों ने हड़ताल के आठवें दिन शामिल होकर दिया बल, मांगे पूरी न होने तक हड़ताल पर डटे रहेंगे जिला परिषद कैडर के कर्मचारी
शनिवार को लगभग दो दर्जन पंचायत के प्रधानों उपप्रधानो, वार्ड सदस्यों ने हड़ताल में शामिल होकर अपना समर्थन दिया तथा आगे भी समर्थन करने का ऐलान किया है। पंचायत प्रधानों में  लबलू के प्रधान करतारचंद चौहान, कहरवी के प्रधान गौरव शर्मा, बारी के प्रधान रविंद्र ठाकुर, चमनेड की प्रधान नीलम कुमारी, बराड़ा के प्रधान अनिल परमार, दाढ़ी के प्रधान कुशल कुमार, लग कड़ियार के प्रधान राकेश ठाकुर, टपरे के दीवान चंद, ऊहल की सीमा देवी, जंदरू के सुरेश कुमार, उटपुर के सुभाष चंद, बजरोल की लता देवी, पटनौन के कमलजीत, पांदेड की कुसमा देवी, स्वाहाल के प्रीतम चंद, सराहकड की पूनम कुमारी सहित कई मौजूद रहेl
सभी ने अपने संबोधन में पंचायत कर्मचारियों को जिला परिषद कैडर से पंचायती राज विभाग में मर्ज करने की मांग की है, जिससे इन्हें ओपीएस के साथ ही अन्य लाभ मिल सके ।हड़ताली कर्मचारियों को महासंघ के जिला अध्यक्ष अशोक कुमार के साथ ही ब्लॉक अध्यक्ष अजय कुमार ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को सरकार पूरा नहीं करती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा ।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह तथा उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पहली कैबिनेट में ही इसे लागू करने का ऐलान किया था, लेकिन अभी तक यह मांग उनकी पूरी नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हस्तक्षेप करते हुए उनकी मांगों को जल्द ही पूरा करेंगे तथा कर्मचारियों को उनका हक मिल सकेगा । उन्होंने विभिन्न पंचायतों द्वारा समर्थन दिए जाने पर पंचायत प्रधानों उप प्रधानों एवं समस्त सदस्यों का आभार जिताया है। जिन्होंने हड़ताल में शामिल होकर उनको मजबूती प्रदान की तथा इससे आंदोलन को और बल मिला है । उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द ही इस मामले में गंभीरता से विचार करना चाहिए । अन्यथा उनका आंदोलन पहले से भी अधिक उग्र हो जाएगा।
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