हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- हाथ से मैला उठाने वाले कर्मचारियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अध्निियम-2013 के अंतर्गत उपमंडल स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोेधन समिति की बैठक शनिवार को यहां एसडीएम मनीष कुमार सोनी की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इस अवसर पर एसडीएम ने बताया कि मैला उठाने वाले कर्मचारियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अध्निियम-2013 में सफाई कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। इनका उल्लंघन करने वालों को सजा हो सकती है।
उन्होंने बताया कि मानव मल-मूत्र को हाथ से उठाने, साफ करने, उसके निपटान के लिए या अन्यथा किसी रीति से उठाने के लिए किसी व्यक्ति को स्थानीय प्राधिकारी, अभिकरण या ठेकेदार द्वारा लगाया जाता है या नियोजित किया जाता है तो नियोक्ता को भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 175 व 176 के अंतर्गत सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि हाथ से मैला उठाने के कार्य कर रहे व्यक्ति के पुनर्वास के लिए 40 हजार रुपये की वित्तीय सहायता, स्वरोजगार के लिए रियायती ब्याज दर पर 15 लाख रुपये तक के ऋण और कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए 2 वर्षों तक प्रतिमाह 3000 रुपये की सहायता का प्रावधान भी है।
बैठक में समिति के समस्त सदस्यों ने बताया कि हमीरपुर में हाथ से मैला उठाने का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। एसडीएम ने जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीवरेज चैंबरों की सफाई करने वाले कामगारों के पास सभी आवश्यक उपकरण होने चाहिए। चैंबरों की सफाई के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। बैठक में सफाई कर्मचारियों से संबंधित कई अन्य मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर समिति सदस्य सचिव एवं तहसील कल्याण अधिकारी राकेश पुरी ने विभिन्न मुद्दों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में बीडीओ हिमांशी शर्मा, नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी बलवीर सिंह बिरला, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक की प्रबंधक सुमन ठाकुर, अन्य अधिकारी और गैर सरकारी सदस्य बाबू राम भी उपस्थित थे।