शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- SFI हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विश्वविद्यालय में प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया। यह धरना मुख्य रूप से लंबे समय से विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति ना होने पर व फर्जी प्रोफेसर भर्ती के खिलाफ किया गया। इस धरने प्रदर्शन का संचालन सचिवालय सदस्य अनूप द्वारा किया गया व इसमें मुख्य वक्ता परिसर सचिव सनी सेक्टा रहे।
धरने प्रदर्शन का संचालन करते हुए अनूप ने बताया कि पिछले काफी लंबे समय से विश्वविद्यालय धांधलियों का अखाड़ा बनता जा रहा है । आउटसोर्स के नाम पर लगातार विश्वविद्यालय में अपने करीबी अपने संबंधियों व अपने रिश्तेदारों को भरने की मुहिम जोरों पर है। इसके विपरीत विश्वविद्यालय में स्थाई कर्मियों की बहुत ज्यादा आवश्यकता है।
लेकिन पिछले लंबे समय से स्थाई नियुक्तियां अभी तक विश्वविद्यालय में एक बार भी नहीं हो पाई हैं। जिससे विश्वविद्यालय में बचे हुए स्थाई कर्मियों को बहुत सारी दिखतों व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अतः सफी मांग करती है कि विश्वविद्यालय में स्थाई गैर शिक्षित कर्मियों की भर्ती जल्द से जल्द करवाई जाए।
धरने प्रदर्शन में मुख्य वक्ता के रूप में बात रखते हुए परिसर सचिव सनी सेक्टा ने बताया कि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ सिकंदर कुमार ने विश्वविद्यालय में धांधलियों पर धांधलियां की व अपने लोगों को भरने का काम किया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भर्ती को लेकर एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। उन्होंने मेरिट को दरकिनार करते हुए वह नकली दस्तावेज लगाते हुए विश्वविद्यालय में कई सारे अपने लोगों को भरा है। SFI ने जब फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए एक RTI ली तो उस लगभग 13,400 पन्नों की RTI में पाया गया कि जो भी भर्तियां विश्वविद्यालय में सिकंदर कुमार द्वारा की गई हैं उनमें से 70 फीसदी लोग फर्जी तरीके से लगाए गए हैं। यह सभी भर्तियां UGC के नियमों को दरकिनार करते हुए की गई हैं।
यह सिलसिला यहीं तक नहीं थमा उसके बाद सिकंदर कुमार ने अपने बेटे व अपने दो और दोस्तों के बच्चों के PHD में फर्जी प्रवेश करवाए। यह प्रवेश बिना NET बिना JRF व बिना प्रवेश परीक्षा के करवाए गए। यह फर्जी प्रवेश करवा कर उन तमाम छात्रों के अधिकार को छीना गया है जो दिन रात लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं व PHD के लिए तैयारियां कर रहे हैं। परंतु यह सब फर्जीवाड़े करके सिकंदर कुमार बीजेपी के सांसद बनकर विश्वविद्यालय से भाग गए।
प्रदेश में कांग्रेस सरकार को बने हुए लगभग एक से डेढ़ साल हो चुका है परंतु कांग्रेस सरकार अभी भी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति को नियुक्त करने में असमर्थ है व प्रदेश सरकार ने अभी तक फर्जी प्रोफेसर भर्ती को लेकर कोई भी संज्ञान नहीं लिया है। SFI प्रदेश सरकार के इस ढीले रवैये को लेकर प्रदेश सरकार की कड़ी निंदा करती है। व प्रदेश सरकार से मांग करती है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति को शीघ्र नियुक्त किया जाए व फर्जी प्रोफेसर भर्ती की न्यायिक जांच शीघ्र से शीघ्र की जाए।
साथ ही सनी सेक्टा ने यह भी बताया कि पूर्व सरकार व कुलपति सिकंदर कुमार ने इस विश्वविद्यालय में ERP सिस्टम को लाया। यह सिस्टम इसलिए लाया गया था ताकि परीक्षा परिणाम में जो देरी आती है उस देरी को कम किया जाए व शीघ्रता से परीक्षा परिणाम आएं। इस ERP सिस्टम पर विश्वविद्यालय अभी तक करोड़ों रुपए खर्च कर चुका है। परंतु स्थिति इसके विपरीत है आज के समय परीक्षा परिणाम एक-एक साल तक देरी से आ रहे हैं व छात्र इसे बहुत परेशान है ERP में बहुत सारी दिक्कतें हैं और छात्र इसे बहुत प्रताड़ित हो रहे हैं।
इन सब दिक्कतों के पीछे का मुख्य कारण यह है कि इस विश्वविद्यालय में लंबे समय से स्थाई कुलपति नहीं है इस विश्वविद्यालय को लावारिस छोड़ गया है और यदि छात्र संगठन किसी के पास अपनी मांगों को लेकर जाते हैं तो वह कुलपति का बहाना देकर उन मांगों को टाल देते हैं। अतः SFI यह मांग करती है कि विश्वविद्यालय में शीघ्र स्थाई कुलपति को नियुक्त किया जाए व फर्जी प्रोफेसर भर्ती की न्यायिक जांच की जाए अन्यथा SFI एक बहुत बड़ा आंदोलन तैयार करेगी जिसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन व प्रदेश सरकार की होगी।