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शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- SFI इकाई विश्वविधालय शिमला ने प्रति कुलपति को ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने विश्वविधालय में छात्रों को आ रही तमाम समस्याएं एवम उनकी मांगों को गिनाया । इकाई अध्यक्ष कॉमरेड संतोष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 2021 में प्रोफेसर रिक्वायरमेंट की गई जब SFI ने RTI के माध्यम से पत्ता किया तो उसमें 270 से भी अधिक प्रोफेसर फर्जी साबित हुए।
उच्च न्यायालय ने इसी संदर्भ में लोक प्रशासन के एक प्रोफेसर को बाहर निकाल के दिया है । इकाई अध्यक्ष ने कहा की विश्वविधालय इसके लिए जांच कमेटी का गठन करे। इसके साथ साथ उन्होंने कहा कि SFI पिछले लंबे समय से PHD में हुई फर्जी एडमिशन को रद्द कराने की मांग कर रही है क्योंकि जिन सुपर नयूमररी सीट्स का हवाला देकर प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने वो एडमिशन की थी वो हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय में हैं ही नहीं।
SFI ने कहा कि पिछले लंबे समय से विश्वविधालय ने Non teaching staff की भर्तियां नही करवाई हैं। जिस कारण एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में कर्मचारियों को भी और छात्रों को भी अनेक समस्याएं आ रही है इसलिए विश्वविधालय एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में आ रही समस्याओं को सुधारने के लिए जल्द से जल्द non teaching staff की भर्तियां विश्वविधालय में करवाएं।
इसके साथ साथ SFI ने कहा कि SFI पिछले लंबे समय से विश्वविधालय में नए छात्रावासों की मांग कर रही है। परंतु प्रशासन का इस पर नकारात्मक रवैया है। प्रशासन के इस रवैए के कारण लगभग 80% छात्र सांगठियों में सड़ने को मजबूर हैं।
अपनी मांगों को गिनाते हुए SFI में आगे कहा कि विश्वविधालय में day स्कॉलर के लिए केवल 4 buses हैं जिसमें अनेकों छात्रों को बहुत ही बुरे तरीके से भरा जाता है। इस लिए यह आवश्यक है की विश्वविधालय day स्कॉलर के लिए नई बसें खरीदें।
इकाई अध्यक्ष ने अंत में कहा कि यदि विश्वविधालय प्रशासन ने इस पर जल्द ही कोई संज्ञान नहीं लिया तो SFI सभी छात्रों को लामबंद करके एक उग्र आंदोलन करेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी विश्वविधालय प्रशासन की होगी।