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पंजाब में शराब के ठेकों के आवंटन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब

(एस. सिंह)
चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार की आबकारी नीति के तहत शराब के ठेके आवंटित करने पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने मामले में सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. 2022-23 के लिए राज्य सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ हाईकोर्ट में चार याचिकाएं दाखिल की गई थीं. इन याचिकाओं में आबकारी नीति के अन्यायपूर्ण और मनमाना होने का आरोप लगाते हुए ठेकों का अलॉटमेंट रद्द करने की मांग की गई. याचिकाओं में दावा किया गया है कि यह नीति राज्य में कुछ मुट्ठी भर संस्थाओं के पक्ष में शराब उद्योग का एकाधिकार स्थापित करने का प्रयास है.

हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कहा गया है कि नई आबकारी नीति ने “एल-1 और एल-2 लाइसेंस के लिए हाशिए पर पड़े थोक विक्रेताओं” के हितों को खत्म कर दिया है. आकाश एंटरप्राइजेज और अन्य याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पटवालिया ने दलील दी कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में आबकारी नीति के जरिए लगभग 6,158 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था. उत्तरदाताओं द्वारा मार्च 2023 तक आबकारी नीति जारी करने से पहले इसे नवीनीकृत करते हुए 30 जून तक तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था. राजस्व सृजन 9,647.85 करोड़ रुपये आंका गया था, लेकिन इस नीति में कई तरह की कमियां हैं.

अपनी दलील देते हुए एडवोकेट पटवालिया ने कोर्ट में कहा कि सरकार ने बाद में एक शुद्धि पत्र जारी किया, जिसके तहत एक इकाई को आवंटित किए जा सकने वाले खुदरा समूहों की अधिकतम संख्या को तीन से बढ़ाकर पांच कर दिया गया. इससे शराब उद्योग को कुछ साधन संपन्न बोलीदाताओं के हाथों में एकाधिकार देने का मकसद झलकता है”.

पटवालिया ने आगे कहा कि नीति में विभिन्न संशोधन किए गए थे, जो बोली लगाने वाले द्वारा जमा की जाने वाली सिक्योरिटी और समयसीमा से संबंधित थे. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने शराब ठेकों के अलॉटमेंट पर रोक लगाने का आदेश दिया है.

Tags: Liquor, Punjab, Punjab and Haryana High Court

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