
हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- हमीरपुर के धौलासिद्ध में निर्माणाधीन हाइडल प्रोजेक्ट के मजदूरों ने रित्विक कंपनी में कार्यरत मजदूरों ने गेट मीटिंग की और ऋतिक कंपनी प्रबंधन और एसजेवीएनप्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ।
प्रदर्शन को सीटू के राष्ट्रीय सचिव डा कश्मीर सिंह ठाकुर व हिमाचल भवन सड़क निर्माण मजदूर यूनियन के राज्य अध्यक्ष जोगिंदर कुमार व रंजन शर्मा ने संबोधित किया। जिला हमीरपुर में एकमात्र हाइडल प्रोजेक्ट में मजदूरों को न्यूनतम वेतन, सैलरी स्लिप, ओवरटाइम, बोनस,आवश्यक सुरक्षा उपकरण, सफाई व पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं आदि और जो भी श्रम कानून के तहत मिलने वाली सुविधाएं हैं वो नहीं दी जा रही हैं ।
और श्रम कानून का धड़ल्ले से मजाक उड़ाया जा रहा है। इससे पहले भी कंपनी में कार्यरत मजदूरों ने संगठित होकर आंदोलन किया था और श्रम कानून के तहत मिलने वाली सुविधाओं जैसे न्यूनतम वेतन, ओवरटाइम, हाजरी कार्ड , सैलरी स्लिप, बोनस, छुट्टियों के लाभ, पीने के पानी की सुविधा, शैड, जूते (गम बूट) व सेफ्टी किट जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर संघर्ष किया था और यूनियन कंपनी प्रबंधन और केंद्रीय श्रम अधिकारी के साथ चंडीगढ़ में संयुक्त रूप पर समझौता हुआ है ।
जिसमें कंपनी ने लिखित तौर पर कहा है कि वह श्रम कानून के दायरे में आने वाली सुविधाओं को मजदूरों को दिया जाएगा। बरसात के दौरान जिन लोगों को कम से हटाया गया था उन्हें कंपनी द्वारा कम पर दोबारा नहीं रखा जा रहा है और जो भी लोग प्रभावित हैं जिनकी जमीन इस परियोजना में चली गई है यह प्रभावित लोगों को भी कम पर नहीं रखा जा रहा है इससे स्थानीय लोगों में भी रोष व्याप्त है। परंतु कंपनी प्रबंधन बहुत ही बदमाशी से जंगल राज की तरह काम कर रहा है और इस समझौते को भी लागू नहीं कर रहा है।
वैसे तो देश में कानून का शासन है पर कंपनी यहां पर जंगल राज के तहत काम कर रही है और जो मजदूर ठेकेदारों के तहत रखे जा रहे हैं उनको तो जो कानून के तहत मिलने वाले वेतन के आधे से भी कम वेतन दिया जा रहा है। यह सब ठेकेदारों रित्विक कंपनी प्रबंधन और एसजेवीएन प्रबंधन के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण हो रहा है ।
जहां मैस में एक तरफ कुछ मजदूरों से 2000 रु तक काटा जाता है वह कुछ मजदूरों से 4500 रु काटा जाता है। यह कंपनी इतनी ठंड में भी जब मजदूर काम कर रहे हैं तो जो मजदूरों को शैड दिए गए हैं उनकी छतों से पानी टप कर रहा है। कम्पनी ने मजदूरों को मात्र एक-एक कंबल दिया है में और उसी में मजदूरों को गुजारा करना पड़ रहा है।

कंक्रीट का काम चल रहा है मगर कंक्रीट का काम करने के लिए जूते और महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण तक नहीं दिए गए हैं उसमें भी कंपनी के ठेकेदार, कंपनी का प्रबंधन और एसजेवीएन प्रबंधन मजदूरों के खून पसीना कमाई को लूट रहे हैं। और यह सब मिलीभगत के कारण हो रहा है। सीटू इसका कड़ा विरोध करती है और आज रित्विक कंपनी प्रबंधन के इस मनवाने रवैया के खिलाफ प्रदर्शन में निर्माणाधीन परियोजना में कार्यरत 500 से ज्यादा मजदूरों ने भाग लिया और चेतावनी दी कि अगर मजदूरों को केंद्रीय श्रम अधिकारी मध्यस्थता से हुए समझौते को अगर लागू नहीं किया जाता है
तो आंदोलन कड़ा किया जाएगा और कंपनी प्रबंधन नहीं माना तो प्रोजेक्ट में हड़ताल करने से भी मजदूर गुरेज नहीं करेंगे । इस मौके पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर कश्मीर सिंह ठाकुर, हिमाचल भवन,सड़क एवं अन्य निर्माण मजदूर यूनियन (संबंधित सीटू) के राज्य अध्यक्ष जोगिंदर कुमार रंजन शरमा ,के अलावा परियोजना इकाई के अध्यक्ष नवीन ठाकुर ने भी संबोधित किया और आवाहन किया कि मजदूर आने वाले समय में निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार रहें क्योंकि मजदूर अपनी मेहनत खून पसीने की कमाई को यूं लूटने नहीं देंगे और जल्द ही हड़ताल करके लड़ाई तेज करेंगे।