संत निरंकारी मिशन का 1500 स्थानों पर स्वच्छ जल स्वस्थ मन अभियान : नरेन्द्र अत्री

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- संत निरंकारी मिशन द्वारा आज 25 फरवरी 2024 को प्रोजेक्ट अमृत स्वच्छ जल स्वच्छ मन अभियान के अंतर्गत हथली खड्ड में स्थित उठाओ पे जल स्रोतों एवं आसपास के क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया गया।

 

हमीरपुर में नरेन्द्र अत्री ने बतौर मुख्य अतिथि किया शुभारंभ

 

संत निरंकारी मिशन ब्रांच हमीरपुर द्वारा आज दिनांक 25 फरवरी दिन रविवार को ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत सुबह 7.50: बजे एक विशाल जागरूकता रैली निकाली गई और फिर सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक हथली खड्ड में उठाओ पे जल स्रोतों तथा आसपास के क्षेत्र की सफाई की गई।

 

 

इस स्वच्छता अभियान में बतौर मुख्य अतिथि नरेंद्र अत्री ने अभियान का शुभारंभ किया एवं संत निरंकारी मिशन के लगभग 250 स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। *मुख्य अतिथि नरेंद्र अत्री ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि संत निरंकारी मिशन हमेशा से ही आध्यात्मिकता के साथ-साथ जन कल्याण के कार्यों में अपनी अग्रणी भूमिका निभाता आ रहा है।

 

नरेन्द्र अत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा पर्यावरण व जल संरक्षण, स्वच्छता के महत्व पर बल दिया है।

 

 

संत निरंकारी मिशन के संयोजक श्री विनोद कुमार शर्मा जी द्वारा विस्तृत जानकारी देते हुए बताया, कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण हेतु अपनाए जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाना एवं उन्हें क्रियान्वित रूप देना तथा जल निकायों की स्वच्छता एवं स्थानीय जनता के बीच जागरूकता अभियान के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करना है।

 

निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज द्वारा आध्यात्मिक जागृति के साथ-साथ समाज कल्याण हेतु जीवन पर्यंत अनेक कार्य किए गए। जिनमें स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान का आरंभ प्रमुख है और उन्हीं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 फरवरी 2024 को संत निरंकारी मिशन द्वारा निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के स्वच्छ जल स्वच्छ मन के आदर्श वाक्य से प्रेरणा लेते हुए इनके पावन मार्गदर्शन में ‘अमृत परियोजना’ का आयोजन संपूर्ण भारत वर्ष के 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 1500 स्थानों के 900 शहरों में विशाल रूप में जल स्रोतों का सफाई अभियान चलाया गया ।

 

जिसमें संत निरंकारी मिशन के लाखों स्वयंसेवक अपने सहयोग द्वारा जल संरक्षण और जल निकायों जैसे समुद्र तट, नदियों, झीलों, तालाब, कुएं, पोखर, झरने और जल धाराओं इत्यादि को स्वच्छ एवं निर्मल बनाएंगे।

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