हमीरपुर के जवान कुलदीप चंद शहीद, मातृभूमि की रक्षा में प्राण न्योछावर किए


जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में हिमाचल के वीर सपूत ने लिखी अमर गाथा, पूरा कोहलवीं क्षेत्र शोक में डूबा


विशाल राणा, हमीरपुर

मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर जवान कुलदीप चंद ने आखिरी सांस तक दुश्मनों से लोहा लिया और शहादत का अमर तमगा हासिल किया। जम्मू-कश्मीर के अखनूर क्षेत्र में तैनात इस वीर सिपाही ने आतंकियों के सामने घुटने टेकने की बजाय बहादुरी से सीना तानकर मुकाबला किया और देश के लिए शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर सुनते ही उनके गृहजनपद हमीरपुर के कोहलवीं क्षेत्र में मातम छा गया।

वीर जवान ने छोड़ी अनमोल विरासत
वर्ष 1996 में सेना में भर्ती हुए कुलदीप चंद 9 पंजाब रेजीमेंट में सेवारत थे। अपने 25 साल के लंबे सैन्य जीवन में उन्होंने देश की सेवा को ही सर्वोपरि माना। शहीद अपने पीछे एक पत्नी, दो मासूम बच्चों (एक बेटा और एक बेटी) और बूढ़े माता-पिता की अधूरी मुस्कान छोड़ गए हैं। उनका छोटा भाई विदेश में नौकरी करता है, जिसे इस दर्दनाक खबर से अवगत करा दिया गया है।

रविवार को अंतिम विदाई, सैन्य सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
शहीद कुलदीप चंद का पार्थिव शरीर रविवार सुबह उनके पैतृक गांव कोहलवीं पहुंचेगा, जहां पूरा गांव और आसपास के क्षेत्र के लोग अपने इस वीर सपूत को अंतिम सलामी देने के लिए एकत्र होंगे। सेना द्वारा पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मेरा बेटा शहीद हुआ, लेकिन सरकार कब तक चुप रहेगी?” – शहीद के पिता का दर्द
शहीद कुलदीप चंद के पिता रत्न चंद की आवाज भर्रा गई जब उन्होंने कहा, “मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया, मुझे उस पर गर्व है। लेकिन सरकार को आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे। हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।”

वहीं ग्राम पंचायत गाहली के प्रधान कपिल ठाकुर ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “हमीरपुर जिले के कई वीर सपूतों ने देश की रक्षा करते हुए शहादत पाई है। कुलदीप चंद की शहादत पूरे क्षेत्र के लिए गर्व और दुख का पल है। हम सभी उनके परिवार के साथ खड़े हैं।”

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