राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े हुए नियमों के बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक

विवेक शर्मा हमीरपुर :- आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत आज़ादी का जश्न मनाने के लिए हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है। हर घर तिरंगा अभियान के तहत देश के सभी नागरिकों द्वारा 13 से 15 अगस्त तक अपने-अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। जो कि देश के लिए गर्व का पल होगा। देश की आन-बान शान और गौरव का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज लोगों में देश भक्ति की भावना पैदा करता है। तिरंगा अभियान के अन्तर्गत सभी नागरिकों को तिरंगे झंडे से जुड़े हुए नियमों के बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है।
उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने बताया कि राष्ट्रीय झंडे को फहराने से सम्बन्धित कुछ नियम होते हैं। फलैग कोड 2002 के कुछ नियमों में संशोधन किया गया है। इन नियमों को ध्यान में रखना आवश्यक है। अब आम लोग,निजी संगठन या संस्थान राष्ट्रीय ध्वज को दिन और रात दोनों समय फहरा सकते हैं। राष्ट्रीय ध्वज हाथ से या मशीन से बने कॉटन/पॉलिस्टर/वूल/स्लिक खादी का होना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज फटा या मैला नहीं होना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए सम्मानपूर्ण स्थान देना चाहिए। झंडा फहराते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि झंडा जमीन,पगडंडी और पानी के सम्पर्क में न आए। झंडे पर कुछ भी लिखा नहीं होना चाहिए।
आम नागरिकों को अपने वाहन पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने की अनुमति नहीं है, केवल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल के अतिरिक्त संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के वाहनों पर ही राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति होगी। फहराए गए झंडे की स्थिति सम्मानजनक बरकरार रहनी चाहिए। यदि झंडा फट जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से पूरी तरह जलाकर नष्ट कर देना चाहिए, ताकि झंडे की गरिमा बनी रहे। राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े इन नियमों का ध्यान रखना अति आवश्यक है।

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