
विवेक शर्मा हमीरपुर :- हिमाचल प्रदेश स्टेट बार काउंसिल सदस्य रोहित शर्मा एडवोकेट ने हिमाचल प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश के विकास में हरसंभव योगदान व बलिदान देने वाले कर्मचारी क्यों हर दिन आंदोलनरत हो रहे हैं ?क्यों सरकार मनमानी कर कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रही है व आंदोलनरत होने पर मजबूर कर रही है। रोहित शर्मा ने अब जिला न्यायपालिका के कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान ना जारी करने पर गहरा रोष प्रकट किया ।उन्होंने हैरानी जताई कि इन कर्मचारियों को पुराने वेतनमान पर डी ए तक नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार का कर्मचारियों के हितों के प्रति उदासीन रवैया समझ से परे है। सरकार के डबल इंजन के विकास के दावों की हवा आए दिन कर्मचारियों के आंदोलन ही निकाल दे रहे हैं ।उस पर प्रदेश सरकार का तुगलकी फरमान की कोई भी शिक्षक सोशल मीडिया पर न्यूज़ पोर्टल बनाकर सरकार के गलत फैसलों का विरोध नहीं कर सकता स्वस्थ लोकतंत्र को अंधेरे में धकेलने की कोशिश है। क्यों सरकार संवेदनहीन होकर स्वस्तुती ही सुनना चाहती है? पूरे देश में बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी ,व्यवसाय में मंदी, अस्पतालों की दुर्दशा, महंगी शिक्षा जैसी समस्याओं से देश का हर नागरिक परेशान और जूझ रहा है तो दूसरी तरफ सरकार पर करोड़ों रुपए केवल रैलियों में भीड़ इकठ्ठी करने व अपने आकाओं को खुश करने में ही खर्च कर रही है यह समझ से परे है। जयराम सरकार का आम आदमी के दुख दर्द से कोई सरोकार नहीं है ।सरकार ने ओ पी एस के मुद्दे पर भी चुप्पी साध रखी है। सरकार ने कर्मचारियों की हर मांग पर कमेटी बनाकर हमेशा अपना पल्ला झाड़ लिया है। सरकार को कर्मचारी वर्ग की मांगे मान कर वेतन विसंगतियों को दूर करना चाहिए ।अन्यथा आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा नीत सरकार दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाएगी प्रदेश की प्रबुद्ध जनता भाजपा सरकार का तंबू उखारने को आतुर है। वह जल्द से जल्द विधनसभा चुनावों का इंतजार कर रही है ताकि इस संवेदनहीन सरकार से छुटकारा पाकर प्रदेश में लोक हित में काम करने वाले कांग्रेस सरकार को सत्तारूढ़ कर सके।