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मैं सियासत नहीं सेवा के लिए उतरा हूं चुनावी रण में, बोले आशीष

विवेक शर्मा हमीरपुर :- हमीरपुर सदर के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले गांधी चौक में आशीष शर्मा ने सटीक शब्दों में कहा है कि वह सियासत के लिए नहीं बल्कि सेवा के लिए चुनावी राजनीति में आए हैं। इस तर्क और तथ्य से समूचा हमीरपुर वाकिफ है।
आशीष ने कहा कि हमीरपुर की जनता के आदेश पर विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर जब आएगा तो हमीरपुर की आवाम के आशीष से आपका यह आशीष नेता नहीं बल्कि हमीरपुर का बेटा साबित होगा। उन्होंने कहा कि सियासत के झंझावत में व्यक्तिगत निष्ठा का गुलाम बनाने के लिए उनको रोकने को हमीरपुर की जनता का फौलादी हौंसला पस्त करेगा और जरूर करेगा, इसका उन्हें यकीन है। उन्होंने कहा कि टिकट के लिए संघर्ष नामांकन के अंतिम समय तक चला हुआ है। कांग्रेस ने यकीनी तौर पर उन्हें टिकट का आश्वासन दिया है
और उसी यकीन पर भरोसा करते हुए उन्होंने हमीरपुर की जनता के आदेश पर नामांकन का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर की आवाम का फैसला मेरे लिए सर्वोच्च व हर सूरत में स्वीकार्य है। जो-जो जैसा-जैसा आदेश हमीरपुर की जनता उन्हें दे रही है उसी आदेश के अनुरूप वह सियासत में अपने कदम शैने: – शैने: बढ़ा रहे हैं। आशीष बोले कि उन्हें इस बात का भी यकीन है कि जिस ओर हमीरपुर की जनता चलेगी सरकार उस ओर की ही बनेगी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से मिलते आ रहे हमीरपुर की जनता के सहयोग व समर्थन के लिए व आभारी हैं। आशीष ने कहा कि हमीरपुर की माट्ी की पैदाइश आशीष हमीरपुर का परचम विधानसभा में बुलंद करके रहेगा। इसका यकीन नामांकन में मेरे समक्ष उमड़ी भीड़ के उत्साह से लबरेज हौंसले बता व जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में कभी किसी से नजरें नहीं चुराई हैं। वायदा करता हूं कि कट सकता हूं लेकिन हमीरपुर की नजरों को भी कभी झुकने नहीं दूंगा। आशीष बोले कि पैंशन की नीति व नियमों का आधार सही नहीं है।
अगर कर्मचारियों को पेंशन नहीं तो फिर विधायकों और मंत्रियों को पेंशन का कोई हक नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हक के लिए वह विधानसभा में तब तक लड़ेंगे जब तक कर्मचारियों का हक उन्हें मिल नहीं जाता। आशीष ने कहा कि नामांकन की बेला में बच्चे, बुजुर्गों व युवाओं का उमड़ा हुजूम उनके सेवा जज्बातों को फौलादी बना रहा है। हमीरपुर के आशीष से फौलादी हौंसलों से ओतप्रोत हुआ आशीष हमीरपुर की जन सेवा में एक नया कीर्तिमान स्थापित व प्रतिष्ठित करेगा, यह वचन मैं गांधी चौक की इस जनसभा से देकर अपने नामांकन के लिए जा रहा हूं। मुझे यकीन है कि जिस पार्टी ने मुझ पर भरोसा करके मुझे टिकट के लिए दिल्ली बुलाया था वह मेरा ही टिकट फाइनल करेगी और जरुर करेगी।
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