
विवेक शर्मा हमीरपुर :- हिमाचल प्रदेश स्टेट बार काउंसिल सदस्य रोहित शर्मा एडवोकेट ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन मेडिकल अस्पताल के एक वार्ड के गटर के पास मुझे नवजात के शव के मिलने पर दुख एवं गहरा रोष जताया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए पूछा कि इतनी भारी सुरक्षा के बावजूद इस घिनौने कृत्य को कोई कैसे अंजाम दे गया? यह घटना मानवता को शर्मसार कर गई। इतने सख्त कानून होने के बावजूद अगर अस्पताल प्रशासन इसमें कार्यवाही अमल में नहीं ला रहा है तो यह एक गंभीर प्रश्न है। अस्पताल प्रशासन को इस इस घटना पर अपने स्तर पर भी गहनता से जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन के कुप्रबंध के कारण ही अव्यवस्थाओं का माहौल है जिससे आए दिन मरीज एवं तीमारदार परेशान होते रहते हैं ।उन्होंने इस घिनौने कृत्य की न्यायिक जांच की मांग की ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस घिनौने कृत्य के पीछे छिपे चेहरे समाज के सामने लाए जा सकें एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके। उन्होंने कहा अगर यह एक भ्रूण हत्या थी तो यह अत्यंत सोचनीय एवं गंभीर विषय है क्योंकि यह मानवता और विशेष रूप से समूची मानव जाति के विरुद्ध सबसे बड़ा जघन्य अपराध है। पिछले कई दशकों से बड़े पैमाने पर नवजात या भ्रूण हत्या के प्रभाव से लिंगानुपात गिरा है जिसके दुष्परिणाम आज हमारे सामने आने लगे हैं ।इस कुकृत्य ने प्रशासन एवं समाज के सामने यह यक्ष प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या राज्य प्रशासन अपने जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल हो रहा है ?क्या मत करना कानून बना देने से सामाजिक बुराइयों एवं को प्रथाओं का अंत हो गया है? क्या लिंग विरोधी मानसिकता को दूर किया जा सकता है।