Search
Close this search box.

कांग्रेस के घोषणा पत्र की हर घोषणा कांग्रेस की इकनोमिक कमेटी की मंजूरी के बाद होती है : सुप्रिया श्रीनेत


विशाल राणा/ हमीरपुर
कांग्रेस के किसी भी राज्य के चुनावी घोषणा पत्र में कोई भी बात कांग्रेस की केंद्रीय इकोनामिक कमेटी की स्वीकृति के बिना शामिल नहीं होती, और कांग्रेस के घोषणा पत्र में जो भी घोषणाएं आम जनता के लिए की जाती हैं वह पूर्ण रूप से उस प्रदेश की आर्थिक स्थिति और परिस्थितियों को देखकर की जाती है । इस कमेटी में पी चिदंबरम और जयराम रमेश जैसे विश्व विख्यात अर्थशास्त्री हैं, जो पूरे आंकड़ों का विश्लेषण करते हैं यह बात कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने हमीरपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही।
 श्रीनेत के कहा कि कांग्रेस की छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सरकारों ने ओपीएस लागू कर दी है और कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हिमाचल में भी यह लागू कर दी जाएगी।  उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने महिलाओं को 15 सौ रुपए महीना देखने की घोषणा की है और सत्ता में आते ही यह प्रदेश की महिलाओं को मिलना शुरू हो जाएगा। सुप्रिया श्रीनेत ने भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल हुई है उनकी गलत आर्थिक नीतियों के चलते आज प्रदेश का हर व्यक्ति पर लगभग डेढ़ लाख रुपए का कर्जा है। प्रदेश सरकार पूरे पांच साल फिजूलखर्ची में इतनी मस्त थी की उसने प्रदेश का 51% कर्जा बढ़ाया है और प्रदेश को आर्थिक बदहाली की और धकेल दिया है।
 उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जो अपना घोषणा पत्र जारी किया है वह 2017 के चुनावों को मात्र कॉपी पेस्ट करके खानापूर्ति की है। उन्होंने कहा कि उनका घोषणा पत्र मात्र जुमलों का पिटारा है। इस पूरे घोषणा पत्र में ओपीएस पर एक शब्द नही लिखा है।
 उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की हार को देख कर प्रधानमंत्री भी बौखला गए हैं और वो अपने पद की प्रतिष्ठा का दमन करते हुए और सारी चुनाव आचार संहिता को दरकिनार करते हुए, भाजपा के बागी उम्मीदवारों को को फोन करते दिख रहे हैं। यह बात देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देती।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने जा रही है और इन चुनावों का प्रभाव राष्ट्रीय राजनीति में व्यापक स्तर पर पड़ेगा।
[covid-data]