कुत्तों के हमले में मारी गई 3 साल की मासूम किरण मौत मामले मे ह्यूमन राइट कमीशन का जिला प्रशासन और नगर परिषद को नोटिस

विवेकानंद वशिष्ठ/हमीरपुर :- कुत्तों के झुंड के हमले में मारी गई 3 साल की बच्ची की मौत के मामले में ह्यूमन राइट कमीशन ने जिला प्रशासन हमीरपुर और नगर परिषद को नोटिस जारी किया है। मामले में मानवाधिकार आयोग ने जवाब तलब करते हुए इस घटना के कारणों और घटना के बाद उठाए गए प्रभावी कदम का विवरण मांगा है।

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नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर 8 में 3 साल की मासूम किरन को लावारिस कुत्तों के झुंड ने घर के आंगन से उठाकर मौत के घाट उतार दिया था। इस मासूम बच्ची की बेहद ही दर्दनाक मौत हो गई थी कुत्तों ने मासूम बच्ची के नाजुक शरीर को आधे से अधिक खा लिया था और हड्डियां तक चटक दी थी। दिल को दहला देने वाली इस घटना के बाद प्रशासन की तरफ से परिवार को फौरी राहत देने में 3 दिन का वक्त लगा दिया गया था। अब इस मामले में ह्यूमन राइट कमीशन की तरफ से जिला प्रशासन और नगर परिषद हमीरपुर फटकार लगाते हुए जवाब तलब किया गया है। इस घटना के बाद जिला प्रशासन की तरफ से भी जमीनी स्तर पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं और ना ही विभिन्न विभागों की कोई संयुक्त बैठक अभी तक हो पाई है। नगर परिषद हमीरपुर की मासिक बैठक में इस मसले के समाधान को लेकर जरूर चर्चा हुई हैं लेकिन प्रशासनिक और विभागीय स्तर पर अधिकारियों की भूमिका सवालों में ही है। ऐसे में ह्यूमन राइट कमीशन की तरफ से जारी किया गया यह नोटिस किसी फटकार से कम नहीं है। बताया जा रहा है कि घटना की कारणों और इस बाबत उठाए गए जरूरी कदमों का ब्यौरा ह्यूमन राइट कमीशन ने तलब किया है। साथ ही यह भी जानकारी मांगी गई है कि प्रभावित परिवार को क्या राहत दी गई है। विदित है कि इस घटना के बाद जिला प्रशासन और संबंधित विभागों के बड़े अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे थे और महज पटवारी के माध्यम से ₹5000 की राहत राशि परिवार को घटना के तीसरे दिन दी गई थी। इन तमाम विभागीय और प्रशासनिक कोताही की वजह से ह्यूमन राइट कमीशन ने यह नोटिस जारी किया है।

 

नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी अक्षित गुप्ता का कहना है ह्यूमन राइट कमीशन की तरफ से जिला प्रशासन और नगर परिषद हमीरपुर को नोटिस जारी किया गया है।हादसे के कारणों की वजह भी पूछी गई है। उन्होंने कहा कि लावारिस कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने के प्रयास किए गए हैं कुत्तों की नसबंदी करने के लिए कार्य किया जाएगा और जल्द ही इसके नतीजे भी सामने होंगे। एक अथवा दो हफ्ते के भीतर इस कार्य को जमीनी स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा।

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