
विवेकानंद वशिष्ठ/हमीरपुर :- पंडित सुरेश गौतम के कथना अनुसार सनातन धर्म में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है हमारे हिंदू धर्म में वैदिक काल से तुलसी की पूजन किया जाता है मां तुलसी पर भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा है जिस घर में माता तुलसी की पूजा होती है उस घर लोगों पर असीम कृपा होती है वे स्वस्थ रहते हैं तथा उनके घर में धनधान्य की कभी कमी नहीं आती। पंडित सुरेश गौतम कहते हैं कि 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस है।
तुलसी के निकट जिस मंत्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है |
प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, भूत, दैत्य आदि सब तुलसी के पौधे से दूर भागते है |
ब्रह्महत्या आदि ताप तथा पाप और बुरे विचार से उत्पन्न होनेवाले रोग तुलसी के सामीप्य एवं सेवन से नष्ट हो जाते हैं |
तुलसी का पूजन, रोपण व धारण पाप को जलाता है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदायक है |
श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला है |
जो चोटी में तुलसी स्थापित करके प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है |
तुलसी के नाम-उच्चारण से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है |
तुलसी ग्रहण करके मनुष्य पातकों से मुक्त हो जाता है |
तुलसी पत्ते से टपकता हुआ जल जो अपने सिर पर धारण करता है, उसे गंगास्नान और १० गोदान का फल प्राप्त होता है |
घर में सुख-शांति, कामधंधे में स्थिति चाहिये तो पर्वों के दिनों में तुलसी के १०८ परिक्रमा करें |
तुलसी मंत्र
तुलसी माता पर जल चढ़ाते हुए इस मंत्र को बोलें
महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम् नमोस्तुते