Search
Close this search box.

मजदूर यूनियन (सीटू संबंधित) धौलासिद्ध प्रोजेक्ट इकाई ने दो मजदूरों को न्याय व परिवार जनों को उचित मुआवजे की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-  हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन (सीटू संबंधित) धौलासिद्ध प्रोजेक्ट इकाई ने दो मजदूरों रमेश व घनश्याम को न्याय व परिवार जनों को उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया ।उल्लेखनीय है कि रविवार को प्रोजेक्ट साइट पर पैर फिसलने से इन दो मजदूरों की नदी में डूबने से मौत हो गई अफसोस की बात है कि प्रोजेक्ट का काम शुरू हुए 601 दिन हो गए हैं परंतु आज तक मजदूरों को ना तो नियुक्ति पत्र दिए गए हैं ना ही पहचान पत्र ना ही कोई सैलरी स्लिप दी जाती है
मजदूरों का ना ईपीएफ कटता है व दूसरी तरफ मजदूरों को मेसो के अंदर  दिया जाने वाले खाने की गुणवत्ता बड़े निम्न स्तर की है देश के मजदूरों के लिए बने श्रम कानूनों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है और श्रम विभाग कुंभकरण की नींद सो रहा है इससे पहले भी अप्रैल में दो मजदूरों की नदी में डूबने से मौत हो चुकी है कुल मिलाकर अब तक 6 लोगों की जान इस प्रोजेक्ट में जा चुकी है परंतु मजदूरों के परिवार जनों को न कोई मुआवजा दिया गया । प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही  ऋत्विक कंपनी ने अपना मजदूर मानने से ही इंकार कर देती है क्योंकि उसने ना तो मजदूरों को नियुक्ति पत्र दिए हैं ना ही सैलरी स्लिप सरेआम मजदूरों का शोषण किया जा रहा है
अगर मजदूरों का ई पी एफ कटता और मजदूर  इसके सदस्य होते तो उनके परिवार जनों को दो से सात लाख रुपए का मुआवजा मिल सकता था और और यही मजदूर श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत होते तो चार लाख बीस हजार और मदद मजदूरों के परिवारों को की जा सकती थी परंतु प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी ने मजदूरों को कानूनी तौर पर मिलने वाले सभी लाभों से भी महरूम कर दिया है और मजदूरों की मेहनत के दम पर मुनाफा कमाने में  लगी है आज सभी मजदूरों ने कामकाज बंद कर धरना दिया और मारे गए मजदूरों रमेश और घनश्याम के आश्रितों को उचित मुआवजा देने की मांग की इस प्रदर्शन में सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क अन्य निर्माण कामगार मजदूर यूनियन के राज्य अध्यक्ष जोगिंदर कुमार जिला अध्यक्ष सुरेश राठौर  और सचिव रंजन शर्मा प्रोजेक्ट इकाई के अध्यक्ष नवीन और सचिव संतोष ने भी भाग लिया और सभी मजदूरों को संबोधित किया और साथ ही इस संबोधन में इस प्रोजेक्ट में श्रम कानूनों को लागू करवाने व मजदूरों की मांगों और समस्याओं से संबंधित 15 सूत्री मांग पत्र भी सौंपा । मजदूरों ने मांगे ना मनवाने तक संघर्ष करने की चेतावनी दी है और दूसरी तरफ जब तक कंपनी प्रोजेक्ट में मारे हुए 2 मजदूरों को मुआवजा नहीं देती है तब तक काम बंद करने का फैसला प्रोजेक्ट मजदूरों ने लिया है इसलिए प्रोजेक्ट के निर्माण में लगी हुई ऋत्विक कंपनी और सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड प्रबंधन से मांग करी है की मजदूरों की मांगों को माना जाए नहीं तो आने वाले समय के अंदर आंदोलन को और तेज किया जाएगा ।
[covid-data]