मजदूर यूनियन धौलासिद्ध इकाई और कंपनी प्रबंधन के बीच चली वार्ता के पश्चात हुआ समझौता।

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-  हिमाचल भवन, सड़क एवं निर्माण मजदूर यूनियन(संबंधित सीटू) धौलासिद्ध इकाई और कंपनी प्रबंधन के बीच देर शाम तक चली वार्ता के पश्चात समझौता हो गया। उल्लेखनीय है धौलासिद्ध प्रोजेक्ट के मजदूर 25 दिसंबर से हड़ताल पर हैं । 25 दिसंबर को दो मजदूरों की पैर से चलने से नदी में डूबने से मौत हो गई थी इससे पहले भी मई माह में दो मजदूरों की नदी में डूबने से मौत हो गई थी परंतु परियोजना में काम कर रही ऋत्विक कंपनी ने मजदूरों को पहले कोई मुआवजा नहीं दिया था और मामला दबा दिया गया तब कंपनी का कहना था की जिन मजदूरों की मौत हुई थी वह कंपनी के मजदूर ही नहीं थे क्योंकि मजदूरों को ना तो कंपनी ने पहचान पत्र दिए हैं ना तो सैलरी स्लिप दी जाती है ना ही ईपीएफ कटता है और ना ही न्यूनतम वेतन दिया जाता है। इससे मजदूरों को पहचान पत्र या नियुक्ति पत्र ना देने पर जो मजदूरों को कानूनन लाभ भी मिल सकते थे उससे भी उनको मृतकों के परिवारों को वंचित रखा गया परंतु क्योंकि अब प्रोजेक्ट में मजदूर यूनियन बनाकर संगठित हो गए हैं इसलिए मजदूरों ने मृतकों के परिजनों को वर्कमैन कंपनसेशन एक्ट के तहत मुआवजा देने की मांग को लेकर पूरी तरह से काम बंद कर दिया था परंतु कंपनी प्रबंधन विशेष अधिकारी पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के मुताबिक बाहर थे इसलिए कोई बातचीत नहीं हो पा रही थी इसी दौरान मजदूरों ने कानूनन मिलने वाले अधिकारों जैसे न्यूनतम वेतन पहचान पत्र नियुक्ति पत्र इपीएफ फंड आदि को लेकर 15 सूत्रीय मांग पत्र भी प्रबंधन को दे दिया कल शाम देर तक चली वार्ता में कंपनी ने 15 सूत्रीय मांग पत्र पर 15 दिन के भीतर वार्ता करने का बात कही और जो हाल ही की घटना में जिन दो मजदूरों की मौत हुई है उन मजदूरों के परिजनों के लिए वर्कमैन कंपनसेशन एक्ट के तहत मिलने वाली कुल मुआवजा राशि देने की भी बात स्वीकार कर ली है इसके साथ ही मजदूरों को कार्यस्थल और रिहायशी स्थल पर भी 24 घंटे पानी की सुविधा देने की मांग को भी मान लिया है इसके साथ ही जिन शैडो में जहां मजदूर रहते हैं और जिस छत से पानी की बूंदे टपकती है उनको भी एक सप्ताह के भीतर सीलिंग करने का वायदा किया है। सीटू के राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर की अगुवाई में आंदोलन और वार्ता को अंजाम दिया गया है जिसके बाद मजदूरों ने हड़ताल समाप्त कर दी और काम पर लौट गए प्रयोजना का काम नियमित तौर पर शुरू हो गया है मजदूर नेताओं ने कंपनी प्रबंधन को साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगर मृतकों को न्याय मुआवजा राशि और मजदूरों की मांगों को लेकर जो सहमति बनी है उस पर वायदा खिलाफी या धोखाधड़ी की गई तो बहुत बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा ।
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