हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय सुजानपुर ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर सप्ताह भर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के क्रम में बुधवार को फ्रंटलाइन वर्कर्स एवं आंगनवाड़ी स्तरीय समन्वय समिति (एएलएमएससी) के सदस्यों के लिए महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 पर एक कार्यशाला आयोजित की।
इस अवसर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि घरेलू हिंसा केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक समस्या है और समाज को ही इसका हल ढूंढना है। अत: यह आवश्यक हो जाता है कि समुदाय विशेषकर महिलाएं सामाजिक, सामूहिक एवं व्यक्तिगत स्तर पर इसका प्रतिकार करें। उन्होंने कहा कि परिवार हमारे सामाजिक जीवन की प्रथम एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण इकाई है जो हमें न केवल भावनात्मक और भौतिक सुरक्षा एवं सहायता प्रदान करती है अपितु हमें व्यक्तिगत संतुष्टि, सामाजीकरण और सामाजिक नियंत्रण का पाठ भी पढ़ाती है।
उन्होंने कहा कि परिवार को प्रेम, सहानुभूति और समर्थन का स्रोत होना चाहिए न कि असमानता, शोषण और हिंसा का। दुर्भाग्यवश, घरेलू हिंसा परिवार, विश्वास और निर्भरता के परस्पर संबंधों में ताकत के गंभीर दुरुपयोग का साधन बन जाती है और उन लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन करती है जो लिंग, आयु, निर्भरता और विश्वास के कारण दुव्र्यवहार के लिए सबसे संवेदनशील होते हैं।
बाल विकास परियोजना अधिकारी ने महिलाओं से शारीरिक, मनोवैज्ञानिक एवं आर्थिक हिंसा सहित सभी प्रकार की पारिवारिक हिंसा का व्यक्तिगत सामूहिक एवं सामाजिक प्रतिकार करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत स्तर पर महिलाएं 112 अथवा 181 नंबर पर डायल कर अथवा नजदीकी संरक्षण अधिकारी से सीधे या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से घरेलू हिंसा के विरुद्ध शिकायत कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त वे जिला स्तर पर स्थित वन स्टॉप सेंटर के दूरभाष नंबर 01972-222221अथवा सेंटर एडमिनिस्ट्रेटर (केंद्र प्रशासक) से मोबाइल नंबर 8628827095 पर भी सहायता मांग सकती हैं जहां उन्हें 5 दिन के अस्थायी प्रवास सहित कानूनी, मेडिकल और मनोवैज्ञानिक सहायता भी मिलेगी।