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विवेकानंद वशिष्ठ/हमीरपुर :- 5 दिन बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। इस सत्र के लिए जहां सुखविंदर सरकार पूरे उत्साह और जोश के साथ सदन में शामिल होगी। वहीं भाजपा के विधायक विपक्ष की भूमिका में नजर आएंगे। अब भाजपा हाईकमान की रणनीति है कि शीतकालीन सत्र में पार्टी के किसी ऐसे तेजतर्रार नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए जो सियासत के सभी दांवपेच जानता हो। इसका बड़ा कारण यह है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर ने सत्ता संभालते ही भाजपा के कई फैसलों को पलट दिया है। यानी अब हिमाचल में आगे सियासत की राह सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोर आजमाइश दिखाई देगी। ऐसे ही विधानसभा में भी सुखविंदर सरकार से सीधी टक्कर लेने के लिए भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में मंथन करना शुरू कर दिया है।
यह नेता रेस में सबसे आगे चल रहे
फिलहाल नेता प्रतिपक्ष के लिए हिमाचल की सुलह विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने वाले विपिन सिंह परमार और ऊना के विधायक सतपाल सत्ती का नाम रेस में सबसे आगे चल रहा है। इनके अलावा भाजपा ने हिमाचल में नए प्रदेश अध्यक्ष की भी तलाश शुरू कर दी है। मौजूदा समय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप का अगले महीने जनवरी में कार्यकाल खत्म हो रहा है।
जो अभी तक हाईकमान की ओर से संकेत मिले हैं उससे साफ जाहिर है कि पार्टी हाईकमान सुरेश कश्यप को दोबारा मौका देना नहीं चाहती है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में राकेश जमवाल त्रिलोक जमवाल के साथ रणधीर शर्मा इंदू गोस्वामी और डॉक्टर सिकंदर कुमार का नाम फिलहाल चर्चा में है। लेकिन यह भी संभव है भाजपा एन मौके पर कोई छुपा हुआ चेहरा भी प्रदेश अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष के रूप में एलान कर सकती है, कुछ दिनों तक इंतजार करना होगा।